India News (इंडिया न्यूज), Israel Gaza War: इजरायल गाजा युद्ध में सबसे ज्यादा किसी को नुकसान पहुंचाना पड़ा है तो वो है मासूम बच्चे। दरअसल, इजरायली सेना ने गाजा पर बमबारी जारी रखी है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, एक दिन पहले हुए हमलों में 30 लोग मारे गए थे, जिनमें गाजा शहर के अल-वफा अस्पताल पर हमला करने वाले सात लोग भी शामिल थे। पास के अहली अस्पताल पर भी बमबारी की गई। गाजा के सरकारी मीडिया कार्यालय का कहना है कि, आने वाले घंटों और दिनों में पट्टी पर कड़ाके की ठंड का असर होगा, इस बीच ऐसी खबरें हैं कि हाइपोथर्मिया से अब तक 5 बच्चों की मौत हो गई है।
इजरायली सेना ने गाजा के दो अस्पतालों पर किया हमला
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, इजरायली सेना ने उत्तरी गाजा में दो अस्पतालों पर हमले किए हैं, जिससे पट्टी की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर उनके हमले बढ़ गए हैं। गाजा के नागरिक सुरक्षा के अनुसार, गाजा शहर के अल-वफा अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर इजरायली हमले में कम से कम सात लोग मारे गए और अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। बमबारी वाले स्थान पर मौजूद एक चश्मदीद ने टुकड़ों में बिखरे पड़े शवों के दर्दनाक मंजर को वर्णन किया।
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इजरायली खिलाड़ियों का फिलिस्तीनियों ने किया विरोध
हालांकि, इसको लेकर इजरायली सेना ने दावा किया कि, हमले में हमास के “कमांड और नियंत्रण केंद्र” को निशाना बनाया गया, लेकिन इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं दिया। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने नारे लगाते हुए एएसबी क्लासिक टेनिस टूर्नामेंट के दौरान इजरायली खिलाड़ी लीना ग्लुश्को और चार बार की ग्रैंड स्लैम चैंपियन नाओमी ओसाका के बीच टेनिस मैच को रोक दिया। टूर्नामेंट में ग्लुश्को की मौजूदगी का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की आवाजें मैच के दौरान टेलीविजन पर प्रसारित मैच और सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में साफ सुनी जा सकती हैं।
यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक ने कही ये बात
इजराइल, हमास और हिजबुल्लाह के बीच पिछले 15 महीनों से चल रहे संघर्ष में अब तक कम से कम 17,492 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस बारे में यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसेल ने कहा कि, साल 2024 संघर्ष से प्रभावित बच्चों के लिए सबसे खराब वर्षों में से एक रहा है। इस वर्ष प्रभावित बच्चों की संख्या और उनके जीवन पर पड़ने वाला प्रभाव, दोनों ही बेहद चिंताजनक हैं। कैथरीन रसेल ने कहा है कि संघर्ष वाले क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को स्कूल से बाहर रहने, कुपोषण से पीड़ित होने या बार-बार घर छोड़ने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
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तत्काल कदम उठाने की है जरूरत
उन्होंने कहा कि यह स्थिति आम नहीं होनी चाहिए और बच्चों को वैश्विक संघर्षों का शिकार बनने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। कैथरीन ने आगे कहा कि 2024 यूनिसेफ के इतिहास में बच्चों के लिए संघर्ष का सबसे खराब वर्ष रहा है। हमें युद्धों को बच्चों की एक पूरी पीढ़ी को नुकसान पहुंचाने से रोकना होगा। बच्चों की सुरक्षा को वैश्विक प्राथमिकता बनाया जाना चाहिए।