India News (इंडिया न्यूज), Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान में ट्रेन अपहरण पर पाकिस्तानी सेना और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के अपने-अपने दावे हैं। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि उसने ट्रेन अपहरण करने वाले सभी 33 आतंकवादियों को मार गिराया और बंधकों को सफलतापूर्वक छुड़ा लिया। जबकि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का दावा है कि 154 बंधक अभी भी उसके कब्जे में हैं। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि पाकिस्तानी सेना ने इस ऑपरेशन को कैसे अंजाम दिया?

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने क्या बताया?

इस पूरे मामले पर पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने दुनिया न्यूज को दिए इंटरव्यू में बताया कि कैसे सेना, वायुसेना, फ्रंटियर कॉर्प्स और स्पेशल सर्विसेज ग्रुप कमांडो समेत सुरक्षा बलों ने मिलकर जोखिम भरा ऑपरेशन किया। उन्होंने कहा, “बचाव अभियान तुरंत शुरू किया गया। लेकिन बहुत सावधानी बरतने की जरूरत थी, क्योंकि बीएलए के आतंकवादी सैटेलाइट फोन के जरिए अफगानिस्तान में अपने आकाओं और मददगारों से संपर्क में थे।

Today Horoscope: मेष से लेकर मीन तक कैसी रहेगी 12 राशियों के लिए 13 मार्च की ग्रह चाल, जानें आज का राशिफल!

सेना ने इस तरह अंजाम दिया ऑपरेशन

महिलाओं और बच्चों की मौजूदगी के कारण सुरक्षा बलों को बहुत सावधानी से आगे बढ़ना पड़ा। सबसे पहले सेना के स्नाइपर्स ने आत्मघाती हमलावरों को मार गिराया ताकि वे अपनी जैकेट न फाड़ सकें। क्योंकि अगर वे खुद को उड़ा लेते तो और लोगों के मारे जाने की आशंका थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने एक-एक करके सभी डिब्बों को खाली कराया और बिना किसी बंधक को नुकसान पहुंचाए सभी आतंकियों को मार गिराया।

सावधानी से ऑपरेशन को दिया गया अंजाम

इसके अलावा, शरीफ ने दुनिया न्यूज को बताया, यह ऑपरेशन बहुत ही सावधानी और सटीकता के साथ किया गया। चूंकि आतंकी यात्रियों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे, इसलिए हमें हर कीमत पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी थी। हमले में बचे लोगों ने हिंसा के भयावह दृश्यों को याद किया। बचाए गए यात्रियों में से एक मुश्ताक मुहम्मद ने बीबीसी उर्दू से कहा, “बहुत बड़ा विस्फोट हुआ और गोलियां चलने लगीं… यह ऐसा दृश्य था जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता।”

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा – सनातन धर्म पर विवादास्पद बयानबाजी करना कांग्रेस के लिए घातक सिद्ध हो रहा

यात्री ने क्या बताया?

एक अन्य यात्री इशाक नूर, जो अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ यात्रा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कैसे पहले विस्फोट ने ट्रेन को हिला दिया, जिससे उनका बच्चा अपनी सीट से गिर गया। “जब मैंने डिब्बों में गोलियां लगती देखीं, तो मैंने अपने एक बच्चे को अपने नीचे खींच लिया, जबकि मेरी पत्नी ने हमारे दूसरे बच्चे के साथ भी ऐसा ही किया। अगर गोलियां हमें लगतीं, तो कम से कम बच्चे तो बच जाते,” उन्होंने कहा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकवादियों ने पहचान पत्र की जांच की और कुछ लोगों को चिन्हित किया। मुश्ताक ने बताया, “तीन आतंकवादी हमारे डिब्बे के दरवाजों की रखवाली कर रहे थे। उन्होंने हमसे कहा कि वे नागरिकों, महिलाओं, बुजुर्गों या बलूच यात्रियों को नुकसान नहीं पहुँचाएँगे।”

BLA की तरफ से पाकिस्तान को दी गई ‘अंतिम चेतावनी’ कहा, अगर नहीं पूरी हुआ मांग तो बंधकों को…