India News (इंडिया न्यूज), Bilawal Bhutto: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने गलती से संयुक्त राष्ट्र में अपने देश की खुफिया एजेंसी का कच्चा चिठ्ठा खोल रख दिया है। दरअसल, यूएन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बिलावल ने कहा कि आतंकवाद तभी खत्म हो सकता है जब भारतीय एजेंसियां हमारी आईएसआई के साथ बैठकर बात करें। बिलावल के मुताबिक, आतंकवाद को खत्म करने का कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
भारत सरकार लंबे समय से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी पर आतंकियों को समर्थन देने का आरोप लगाती रही है। आईएसआई पर छद्म आतंकी संगठन बनाकर कश्मीर और देश के दूसरे हिस्सों में आतंकियों को भेजने का भी आरोप है।
आतंकी संगठनों को आईएसआई से मिलता है पोषण
जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठनों को आईएसआई से पोषण मिलता है। हालांकि, पाकिस्तान कभी आधिकारिक तौर पर इसे स्वीकार नहीं करता। बिलावल ने पहली बार संकेत दिया है कि अगर पाकिस्तान से आतंकवाद को खत्म करना है तो हमें आईएसआई से बात करनी होगी।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भी माना
पहलगाम हमले के बाद जब पूरी दुनिया में पाकिस्तान की आलोचना हो रही थी, तब रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ सक्रिय हुए थे। हालांकि, एक इंटरव्यू में आसिफ ने पाकिस्तान की सच्चाई को स्वीकार किया।
स्काई न्यूज से बात करते हुए आसिफ ने कहा कि हां, मेरे देश ने 2 दशकों तक आतंकवादियों को पाला है। इसकी वजह से हमें बहुत नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन हमने यह अमेरिका और ब्रिटेन के इशारे पर किया है।
बिलावल का बयान क्यों अहम है?
बिलावल भुट्टो पाकिस्तानी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल का काम दुनिया भर के देशों से भारत के साथ शांति वार्ता की अपील करना है। बिलावल सिंधु जल के मुद्दे पर भी दुनिया भर के देशों से मदद मांग रहे हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि तोड़ दी थी। इस फैसले के बाद से पाकिस्तान को सिंधु नदी से पानी नहीं मिल रहा है।