Bilawal Bhutto On Kashmir: बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान द्वारा संयुक्‍त राष्‍ट्र में कश्‍मीर मुद्दे पर बार-बार नाकामी हाथ लगने पर एक बड़ा सच कबूल कर लिया है। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री ने यह मान लिया है कि उनका देश कश्‍मीर मसले को संयुक्‍त राष्‍ट्र में एक मुख्‍य मुद्दा बनाने नाकाम रहा है। बिलावल भुट्टो ने यह भी माना है कि इस मुद्दे पर संगठन का ध्‍यान आ‍कर्षित करने में उनका देश नाकाम रहा है। बिलावल भुट्टो ने यह भी माना कि जहां पाकिस्‍तान की सारी कोशिशें नाकाम हो गईं तो वहीं कश्‍मीर पर भारत के सभी कूटनीतिक प्रयास सफल रहे हैं। शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में बिलावल ने यह बात स्‍वीकार की है। इस दौरान उन्होंने पहली बार भारत को अपना दोस्‍त भी करार दिया।

  • बिलावल ने लड़खड़ाते हुए भारत का जिक्र किया और उसे दोस्‍त क‍हकर संबोधित किया
  • भारत इस बात पर हमेशा जोर देता है कि कश्‍मीर पर उसका कब्‍जा जायज है
  • बिलावल ने वादा किया है कि देश की कोशिशों में कोई कमी नहीं होगी

एर्दोगन ने भी नहीं की भारत की आलोचना

बिलावल भुट्टो ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि पिछले साल की उच्च स्तरीय महासभा की बैठक में कश्मीर का उल्लेख करने वाले 193 सदस्यीय देशों में पाकिस्तान के अलावा तुर्की एकमात्र अन्य देश था। बिलावल ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि वहां भी राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने भारत की कोई भी आलोचना नहीं की। एर्दोगन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कश्मीर का मुद्दा 75 सालों बाद भी बना हुआ है। इस दौरान उन्होंने स्थायी समाधान की उम्मीद जताई।

कश्‍मीर पर हैं काफी चुनौतियां

बिलावल ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा, “आपको यह जानने की जरूरत है कि हमें कश्‍मीर मसले को यूएन के एजेंडे के तौर पर आगे बढ़ाने में और इस पर संगठन का ध्‍यान आकर्षित करने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।” इसके बाद बिलावल ने थोड़ा लड़खड़ाते हुए भारत का जिक्र किया और उसे दोस्‍त क‍हकर संबोधित किया। बिलावल ने कहा, “हमारे दोस्‍त, पड़ोसी देश (भारत) इस बात का बड़े पैमाने पर विरोध करते हैं कि कश्‍मीर कोई विवादित सीमा है। वह इसी तथ्‍य को यूएन में भी आगे बढ़ाते हैं कि कश्‍मीर कोई विवादित मसला नहीं है।”

‘कश्‍मीर पर पाकिस्‍तान की कोशिशों में कोई कमी नहीं होगी’

बिलावल के मुताबिक भारत वास्‍तविकता से अलग इस बात पर हमेशा जोर देता है कि कश्‍मीर पर उसका कब्‍जा जायज है और इसका समर्थन किया जाता है। उन्‍होंने यह भी कहा कि पाकिस्‍तान जो कश्‍मीर पर सोचता है, उस सच को स्‍वीकार करा पाना काफी मुश्किल है। भले ही अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय कश्‍मीर पर उसकी सोच को खारिज कर दे मगर पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल ने वादा किया है कि देश की कोशिशों में कोई कमी नहीं होगी।

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