India News (इंडिया न्यूज), Baloch Rebels Weapons : बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के लड़ाकों ने बलूचिस्तान में पाकिस्तान की जफार एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया है। इसके अलावा उसमें सवार 100 से ज्यादा पाकिस्तानी सेना के जवानों को बंधक भी बना लिया है। पाकिस्तान की सैना BLA के सामने टिक नहीं पा रही है। अभी तक कई पाकिस्तानी सेनिकों के मारे जाने की खबर भी सामने आई है। पाक सेना BLA से निपटने में असमर्थ दिख रही है। ऐसे में ये सवाल उठ रहा है कि BLA के पास कौन से ऐसे हथियार हैं, जिनके दम पर अपने से ज्यादा ताकतवर पाकिस्तानी सेना से उसके लड़ाके लोहा ले रहे हैं। इस बात का जवाब बलूच लिबरेशन आर्मी ने खुद जनवरी में दिया था।
अपने हथियारों को लेकर बलूच लिबरेशन आर्मी ने एक पोस्टर जारी किया था, इसमें बीएलए के लड़ाके अत्याधुनिक हथियारों के साथ नजर आ रहे थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तानी सेना और सिक्योरिटी फोर्स के पास भी इस हाईटेक हथियार नहीं हैं। BLA के पास M240B मशीन गन, M16A4 राइफल, आरपीजी-7 लॉन्चर, बल्गे रियाई OGi-7MA प्रोजेक्टाइल और PKM मशीन गन नजर आए थे। इस पोस्टर के साथ साफ लिखा था, ‘लड़ाई जीत तक जारी रहेगी।’
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BLA के पास मौजूद हथियारों की ताकत
M16A4 राइफल- अमेरिका में निर्मित यह राइफल 2003 से यूएस मरीन कॉर्प्स भी इस्तेमाल करती है। 3.3 किलोग्राम वजनी और 100 सेंटीमीटर लंबी इस राइफल में 20 से 30 राउंड की मैगजीन लगती है। यह 700-950 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर कर सकती है। इसमें लगने वाली .223-कैलिबर की गोली बेहद घातक होती है।
M240B मशीन गन- अमेरिकी मरीन कॉर्प्स द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली यह एक और घातक मशीनगन है। इसे ‘M240 ब्रावो’ या ‘240’ के नाम से भी जाना जाता है। यह गैस से चलने वाली मशीनगन है जिसमें 7.62 मिमी नाटो कारतूस का उपयोग होता है। 12.5 किलोग्राम वजनी यह मशीनगन एक मिनट में 500 से 950 राउंड फायर कर सकती है और इसकी मारक क्षमता 2 किलोमीटर तक है। इस हथियार की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसे ट्राइपॉड, वाहनों, विमानों, जहाजों और छोटी नावों पर भी लगाया जा सकता है।
आरपीजी-7 लांचर- रूस द्वारा निर्मित आरपीजी-7 लांचर एक हैंड-हेल्ड एंटी-टैंक-ग्रेनेड-लॉन्चर है जिसे कंधे पर रखकर भी लॉन्च किया जा सकता है। दुनिया के कई देशों की सेना के अलावा कई आतंकी समूह बड़ी संख्या में इस हथियार का इस्तेमाल करते हैं। इसे पहली बार 1961 में सोवियत संघ ने इस्तेमाल किया था और आज भी कई सेनाएं इसका प्रयोग करती हैं। इसकी सबसे खास बात इसका पेलोड है जो पलभर में भारी तबाही मचा सकता है।