India News (इंडिया न्यूज), Panama Canal Ownership : टैरिफ वॉर के अलावा इस वक्त राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप किसी चीज को लेकर हल्ला कर रहे हैं। तो वो पनामा नहर है। अमेरिका को इस बात डर है कि चीन धीरे-धीरे पूरे पनामा नहर पर कब्जा कर लेगा। इसी वजह से ट्रंप नहर का नियंत्रण वापस लेने की धमकी दे चुके हैं। वहीं पनामा नहर को लेकर अब बड़ी खबर सामने आ रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले हफ्ते दुनिया के सबसे बड़े फंड मैनेजर ब्लैकरॉक के नेतृत्व में निवेशकों के एक ग्रुप ने कहा कि वह हॉन्ग कॉन्ग की कंपनी CK Hutchison से नहर के दोनों छोर पर स्थित बाल्बोआ और क्रिस्टोबल पोर्ट्स को खरीदने के लिए $22.8 अरब खर्च करेगा।
चीन ने जताई आपत्ति
इस खबर के सामने आने के बाद से चीन की निंद उड़ी हुई है। चीन ने इस डील को लेकर आपत्ति जताई है। बता दें कि ब्लैकरॉक के कंसोर्टियम ने 23 देशों में 199 बर्थ वाले 43 अन्य बंदरगाहों में CK Hutchison की नियंत्रणकारी हिस्सेदारी खरीदने पर भी सहमति व्यक्त की। उसका कहना है कि यह सौदा सिद्धांत रूप में एक समझौता है।
चीन ने पनामा नहर के बंदरगाहों को अमेरिकी कंपनी ब्लैकरॉक को बेचने के प्रस्ताव की कड़ी आलोचना की है। उसने इस डील को चीन के लोगों के साथ विश्वासघात बताया है। इसके बाद शुक्रवार को CK Hutchison के शेयरों में 6% से अधिक की गिरावट देखी गई। चीन के विरोध के बाद कुछ निवेशकों को चिंता है कि अगर चीन इस सौदे का विरोध करता है, तो यह पूरा नहीं हो पाएगा।
क्या है चीन की नाराजगी की वजह?
इश डील की घोषणा पिछले हफ्ते की गई। उस वक्त इसे CK Hutchison के लिए एक फायदेमंद सौदा माना जा रहा था क्योंकि उसे ब्लैकरॉक से अच्छी कीमत भी मिल रही थी। कंपनी की तरफ से स्टॉक एक्सचेंज को बताया गया था कि उसे इस बिक्री से $19 अरब से अधिक की नकदी मिल सकती है। इशके बाद चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के करीबी एक अखबार Ta Kung Pao ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। चीन की नाराजगी इस डील में अड़ंगा डाल सकती है।
पनामा नहर की अहमियत
बता दें कि अमेरिका ने 20वीं सदी के शुरुआती वर्षों में पनामा नहर का निर्माण किया था। 1914 में ये बनकर तैयार हो गया था। पिछले सदी के अंत तक इसे अमेरिका द्वारा संचालित किया जाता था। लेकिन जिमी कार्टर के दौर में इसे पनामा को वापस करने पर संधि हुई। 51 मील लंबी यह नहर अंतरराष्ट्रीय व्यापार और अमेरिकी सैन्य जहाजों दोनों की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा दुनिया के लगभग 4% समुद्री व्यापार और 40% से अधिक अमेरिकी कंटेनर यातायात इस नहर से होकर गुजरता है। फिर 1999 में नहर को पनामा को ट्रांसफर कर दिया गया था।
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