India News (इंडिया न्यूज),Pakistan Did Not Get Membership In BRICS : रूस में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में इस बार पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। ब्रिक्स समूह में शामिल होने का उसका सपना टूट गया है। रूस और चीन के समर्थन के बावजूद पाकिस्तान को ब्रिक्स की सदस्यता नहीं मिल सकी। पाकिस्तान के करीबी सहयोगियों में से एक तुर्की को भागीदार देशों में शामिल किया गया है। लेकिन पाकिस्तान को इस सूची में जगह नहीं दी गई है। पाकिस्तान ने पिछले साल औपचारिक रूप से ब्रिक्स की सदस्यता के लिए आवेदन किया था। अगर संस्थापक देशों की बात करें तो पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन इनमें शामिल थे। बाद में दक्षिण अफ्रीका इसमें शामिल हुआ, जिसके बाद दक्षिण अफ्रीका समूह को ब्रिक्स के नाम से जाना जाने लगा।
चीन की दोस्ती नहीं आई काम
चीन और रूस ने पाकिस्तान को ब्रिक्स में शामिल करने का समर्थन किया था। लेकिन भारत पाकिस्तान के ब्रिक्स में शामिल होने से संतुष्ट नहीं था। शायद यही वजह है कि पाकिस्तान ब्रिक्स में शामिल नहीं हो सका। पाकिस्तान को भरोसा था कि चीन की मदद से वह आसानी से ब्रिक्स में शामिल हो जाएगा। चीन ने इस बारे में आश्वासन भी दिया था, लेकिन पाकिस्तान को ब्रिक्स की सूची में जगह नहीं मिली, उसके भागीदार देश तो दूर की बात है। चीन के अलावा रूस ने भी कहा था कि वह ब्रिक्स में पाकिस्तान की सदस्यता का समर्थन करता है। लेकिन यह सब पाकिस्तान के काम नहीं आया।
ब्रिक्स में देश कैसे शामिल हो सकते हैं?
ब्रिक्स में नए सदस्यों को आम सहमति से ही शामिल किया जाता है, इसलिए यह स्पष्ट था कि पाकिस्तान की सदस्यता का भारत का विरोध समूह में शामिल होने के उसके प्रयास को विफल कर सकता है, भले ही कुछ अन्य संस्थापक सदस्य इसके पक्ष में हों। जैसी कि उम्मीद थी, भारत इस समूह में पाकिस्तान को शामिल करने के लिए सहमत नहीं हुआ। साथ ही पीएम मोदी ने ब्रिक्स सदस्यों से आतंकवाद और आतंकवादियों को पालने वाली ताकतों से निपटने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया और कहा कि इस मुद्दे पर दोहरे मानदंडों के लिए कोई जगह नहीं है।