India News (इंडिया न्यूज), UK Visa For Pakistani Students: पाकिस्तानियों की अब पूरी दुनिया में फजीहत हो रही है। ब्रिटेन की लेबर सरकार भी पाकिस्तान की हकीकत समझ चुकी है। इसीलिए पहली बार ब्रिटेन जैसा देश किसी दूसरे देश के नागरिकों के स्टूडेंट वीजा पर सीधे शिकंजा कसने जा रहा है। ब्रिटिश गृह मंत्रालय ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में नई वीजा नीति लाई जाएगी, जिसमें पाकिस्तान जैसे देशों को ‘हाई रिस्क’ कैटेगरी में डालकर उन पर वीजा प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

ब्रिटिश सरकार के मुताबिक, पिछले साल कुल 1.08 लाख लोगों ने ब्रिटेन में शरण मांगी, जिनमें से 16 हजार लोग स्टूडेंट वीजा पर पहले आए थे। इन लोगों की नागरिकता को लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया गया है। हालांकि, ब्रिटिश सरकार ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान, नाइजीरिया और श्रीलंका जैसे देशों से लोग काम, स्टूडेंट या वीजा पर आकर सबसे ज्यादा शरण मांगते हैं।

शक की नजरों से देखे जा रहे पाकिस्तानी नागरिक

इसका सीधा मतलब है कि ब्रिटिश सिस्टम अब इन देशों से आने वाले लोगों पर भरोसा नहीं करता। पाकिस्तानी नागरिकों के स्टूडेंट वीजा को अब संदेह की नजर से देखा जा रहा है। सरकार इसे वीजा के नाम पर इमिग्रेशन फ्रॉड मानकर कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।

इसके अलावा ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की लेबर पार्टी को हाल ही में हुए स्थानीय चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह अवैध प्रवास और अप्रवास नीति की विफलता मानी जा रही है। इस हार के बाद पार्टी के अंदर से ही प्रधानमंत्री पर अप्रवास के मुद्दे पर अपना ‘नरम रवैया’ छोड़ने का दबाव बढ़ गया है। रेड वॉल ग्रुप के सांसद जो व्हाइट ने सरकार को चेतावनी दी है कि अब ‘स्पष्ट और सख्त कदम’ उठाने का समय आ गया है।

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अगले हफ्ते ‘श्वेत पत्र’ जारी करेगी ब्रिटिश सरकार

ब्रिटिश सरकार अगले हफ्ते ‘श्वेत पत्र’ जारी करने जा रही है, जो देश की नई अप्रवास नीति की दिशा तय करेगा। इसमें बताया जाएगा कि ब्रिटेन किस तरह से शुद्ध प्रवास को नियंत्रित करेगा, जो पिछले साल 728,000 के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। इस नीति के तहत पाकिस्तान जैसे देशों पर वीजा प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। साथ ही छात्र वीजा धारकों की गहन जांच की जाएगी। जिन देशों में शरण की मांग अधिक है, वहां से आने वालों को आसानी से वीजा नहीं मिलेगा।

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