India News(इंडिया न्यूज),China Bhutan Border Talks: चीन की बईमानी से पूरी दुनिया वाकिफ है। जहां चीन लगातार अपने सीमा से सटे क्षेत्र पर सदैव से ही दावा करते आया है। जिसके बाद एक बार फिर चीन भूटान के साथ वर्षों से चले आ रहे सीमा विवाद को हल करने के लिए बातचीत कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ भूटान के उत्तरी हिस्से की जकरलुंग घाटी में निर्माण कर रहा है।
बातचीत के आड़ में चीन की चाल
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, इन दिनों लगातार रूप से दोहरी चाल चल रहा है। जहां बातचीत की आड़ में भूटान सीमा पर अवैध निर्माण कर रहा जिसका खुलासा चीन, सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ है। बता दें कि, चीन और भूटान में औपचारिक रूप से सीमाएं तय करने के लिए वार्ता जारी है। इस बीच चीन की भूटान के उत्तरी हिस्से की जकरलुंग घाटी में एकतरफ़ा निर्माण कर रहा है।
यहां बना रहा चौकियां
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो, चीन जिस क्षेत्र में निर्माण कर रहा है, वह इलाका अरुणाचल प्रदेश के साथ भूटान की पूर्वी सीमा से 50 किलोमीटर दूर है। एक रिपोर्ट में यहां तक बताया गया है कि, चीन ने भूटान की सुदूर जकारलुंग घाटी, बेयुल खेनपाजोंग क्षेत्र में चौकियां बनाई हैं। जानकारी के लिए बता दें कि, बीते साल 2021 के सितंबर में सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि, चीन के पास जकारलुंग घाटी में एक निर्माणाधीन बस्ती और एक सड़क है. वहीं एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, ताजा सैटेलाइट तस्वीरों में दिखता है कि चीन ने दो ही साल में जकरलुंग घाटी में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है. पिछले हफ़्ते 7 दिसंबर की तस्वीरों में इस क्षेत्र में 129 इमारतें देखी गई हैं., जो रिहायशी क्वार्टर लगते हैं. ये सब कुछ अगस्त 2021 में अस्तित्व में नहीं था.
लोटे शेरिंग का बयान
इसके साथ ही एक इंटरव्यू में लोटे शेरिंग कहते है कि ”हमें उम्मीद है कि एक रेखा खींची जाएगी, जिसके बाद तय हो जाएगा कि इस तरफ भूटान और उस तरफ चीन। भूटान और चीन के बीच विवाद का 764 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है। चीन ने 2020 में पूर्वी भूटान के स्कैतेंग वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी पर अपना दावा किया था जिसे भूटान ने खारिज कर दिया था।
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