India News (इंडिया न्यूज), Iran On Israel : मीडिल ईस्ट में चल रही जंग आने वाले समय में नया मोड़ ले सकती है। इस बात का दावा ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची के बयान से अंदेशा लगाया जा रहा है। ईरान के विदेश मंत्री के विदेश मंत्री की तरफ से कहा गया है कि तेहरान भविष्य में किसी भी इजरायली हमले के लिए तैयार है और चेतावनी दी कि ऐसा कदम बड़े संघर्ष को जन्म दे सकता है। ईरान की तरफ से दिया गया बयान ऐसे समय में आया है, जब दुनिया में ईरान के फिर से परमाणु हथियार बनाने को लेकर चर्चा अपने चरम पर है।

ऐसी भी खबरें हैं कि इजरायल ईरान पर हमला कर सकता है क्योंकि यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा इजरायल पर बार-बार बैलिस्टिक मिसाइल हमले किए जा रहे हैं, जिन्हें इस्लामी गणराज्य से हथियार और अन्य समर्थन मिलते हैं।

सबसे ज्यादा चौकाने वाली बात ये है कि अराघची ने अपने बयान में ऐसे संकेत दिए हैं कि चीन इजरायल के खिलाफ गाजा की जंग में कूद सकता है और अगर ऐसा हुआ तो मिडिल-ईस्ट में एक नया मोर्चा खुल जाएगा। इसका सबसे ज्यादा असर बेंजामिन नेतन्याहू पर पड़ेगा।

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विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने क्या कुछ कहा?

चीन के सरकारी चैनल सीसीटीवी से बात करते हुए अब्बास अराघची ने कहा कि, मैं आशा करता हूं कि इजरायल ऐसी लापरवाह कार्रवाई से बचें क्योंकि इससे बड़े पैमाने पर युद्ध शुरू हो सकता है। आगे उन्होंने कहा कि ईरान इजरायल द्वारा किसी भी संभावित हमले के लिए पूरी तरह से तैयार है। याद दिला दें कि पिछले साल इजरायल ने ईरान पर दो सीधे हमले किए हैं, जो कि ईरान द्वारा किए गए ड्रोन और मिसाइल हमलों के जवाब में थे। इनमें से एक हमला 1 अक्टूबर को हुआ था, जिसमें लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गई थीं, जिनमें से अधिकांश को इंटरसेप्ट कर लिया गया था।

चीन और ईरान के रिश्ते

अराघची चीन के दौरे पर थे। उसी वक्त यह इंटरव्यू 28 दिसंबर को लिया गया था। अराघची ने 28 दिसंबर को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बैठक के दौरान ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर भी चर्चा की थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था, 2025 ईरान के परमाणु मुद्दे के संबंध में एक महत्वपूर्ण वर्ष होगा। बता दें कि चीन ईरान का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, ईरान के तेल का भी एक प्रमुख खरीदार है, और उसकी ओर से ईरान के प्रति समर्थन इस समय में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जब ईरान को वैश्विक दबाव का सामना करना पड़ रहा है। मीडिल ईस्ट में जारी जंग में चीन का आना और ट्रंप का राष्ट्रपति पद के लिए शपथ लेने के बाद मीडिल ईस्ट में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

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