India News (इंडिया न्यूज), Chinese Weapons: चीन के घटिया हथियारों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई देशों को मुश्किल में डाल दिया है। चीन से हथियार खरीदने वाले देशों को घटिया क्वालिटी, रखरखाव की समस्या और तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी सैन्य क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इसके बावजूद चीन लगातार अपने हथियारों का प्रचार-प्रसार कर रहा है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, चीनी हथियारों के खरीदारों में पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और अफ्रीका के कई देश शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर देश चीनी हथियारों में क्वालिटी और रखरखाव की समस्या का सामना कर रहे हैं।
रखरखाव में आ रही समस्या
उदाहरण के लिए, बांग्लादेश की नौसेना को चीन द्वारा सप्लाई किए गए दो फ्रिगेट के रखरखाव में समस्या आ रही है। इसी तरह बांग्लादेश की वायुसेना के चीनी F-7 फाइटर जेट और K-8W ट्रेनर एयरक्राफ्ट में भी तकनीकी खराबी आ रही है। यहां तक कि बांग्लादेश के MBT-2000 टैंक भी स्पेयर पार्ट्स की कमी का सामना कर रहे हैं, जिससे उनके लड़ाकू अभियान प्रभावित हो रहे हैं। चीन ने 26 दिसंबर 2024 को अपना छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान J-36 लॉन्च किया, जिसे उसने अपनी तकनीकी उन्नति के तौर पर पेश किया। यह विमान अपनी पहली उड़ान में ही दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच रहा था, लेकिन हकीकत यह है कि इस प्रदर्शन के पीछे की हकीकत कुछ और ही है, जहां कई देशों में चीनी हथियार फेल हो रहे हैं।
सबसे बड़ा ग्राहक है पाकिस्तान
चीनी हथियारों के खराब प्रदर्शन से चीन की सैन्य तकनीक पर सवाल उठ रहे हैं। कई देशों ने चीनी हथियार खरीदे हैं, लेकिन ये हथियार युद्ध में कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। बांग्लादेश, पाकिस्तान और म्यांमार जैसे देशों के लिए चीन के हथियार निराशाजनक साबित हुए हैं। चीन के सबसे बड़े ग्राहक पाकिस्तान ने चीनी F-22P फ्रिगेट, JF-17 लड़ाकू विमान और FM-90 (N) मिसाइल सिस्टम खरीदे थे, लेकिन इनमें तकनीकी दिक्कतें थीं। पाकिस्तान के JF-17 जेट बार-बार दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं, जिससे उनकी सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।
चीनी हथियारों की गुणवत्ता पर सवाल
चीन अपनी सैन्य शक्ति को बढ़ावा देने के लिए जिन हथियारों का प्रचार करता है, उनकी विश्वसनीयता खतरे में है। चीन क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों को डराने और खुद को एक प्रमुख हथियार निर्यातक के रूप में स्थापित करने के लिए अपने हथियारों को ब्रांड करने के लिए प्रचार करता है। लेकिन हकीकत में, चीनी निर्मित हथियारों का प्रदर्शन साबित करता है कि चीन की सैन्य तकनीकी क्षमताएं कई देशों की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर रही हैं।