India News(इंडिया न्यूज),China Maldives Deal: मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच राजनयिक संबंधों में तनाव बढ़ गया है। मुइज़ू का पूरा चुनाव अभियान भारत विरोधी था और सत्ता में आने के बाद उन्होंने भारत के साथ चल रहे कई समझौतों को रद्द कर दिया है। अब मालदीव धीरे-धीरे भारत की जगह चीन को लेने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में दोनों देशों ने रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इसके तहत चीन मालदीव को मुफ्त सैन्य सहायता देगा। यह समझौता भारतीय सैनिकों के पहले समूह की वापसी की समय सीमा तय करने के कुछ सप्ताह बाद हुआ है।
मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून ने चीन के अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग के उप निदेशक झांग बाओकुन से मुलाकात की। जिसके बाद मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने इस पर पोस्ट किया
मालदीव में चीनी अनुसंधान जहाज
चीनी प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा चीनी अनुसंधान जहाज ‘जियांग यांग होंग 03’ को मालदीव के बंदरगाह पर रुकने की अनुमति दिए जाने के कुछ दिनों बाद हुई है। 5 जनवरी को श्रीलंका ने इस जहाज को अपने बंदरगाह में प्रवेश की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। यह जहाज समुद्र से अहम डेटा इकट्ठा करता है, हिंद महासागर में इसकी मौजूदगी पर भारत ने चिंता जताई थी। भारत का मानना है कि इस जहाज के डेटा का इस्तेमाल चीन हिंद महासागर में सैन्य उद्देश्यों के लिए कर सकता है। इसके अलावा शुक्रवार को मालदीव के स्वास्थ्य मंत्रालय में आयोजित एक समारोह में चीनी राजदूत वांग लिक्सिन ने मालदीव को 12 एम्बुलेंस भी उपहार में दीं।
भारतीय सेना हट रही है पीछे
भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी के लिए गठित उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की बैठकों के बाद मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा था, ”भारत 10 मई तक दो चरणों में अपने सभी सैन्यकर्मियों को वापस बुला लेगा।” मालदीव सरकार के मुताबिक, 88 भारतीय सैन्यकर्मी मालदीव में मौजूद हैं और उन्हें वापस भेजा जाना है।
आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर में मुइज़ू के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई है और मालदीव का चीन के प्रति झुकाव बढ़ गया है।
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