India News (इंडिया न्यूज), Chinmay Das: बांग्लादेश की चटगांव कोर्ट ने इस्कॉन संत चिन्मय दास की जमानत याचिका खारिज कर दी है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है। हालांकि बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट के 11 वकीलों ने चिन्मय दास की ओर से पैरवी की। लेकिन इसके बाद भी संत चिन्मय दास को राहत नहीं मिली। चिन्मय दास के मामले में आज एक सकारात्मक बात यह रही कि, चिन्मय दास के वकीलों को अपना पक्ष रखने का मौका मिला। पिछली दो सुनवाई में चिन्मय दास के वकीलों को कोर्ट में पेश होने से कट्टरपंथियों ने रोक दिया था। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, पिछले साल 2024 में 25 नवंबर को गिरफ्तार किए गए चिन्मय कृष्ण दास के एक वकील की हत्या कर दी गई थी, तो एक पर जानलेवा हमला किया गया था। 

इस्कॉन ने जताई थी ये उम्मीद

वहीं, इस्कॉन ने उम्मीद जताई थी कि आज की सुनवाई में चिन्मय कृष्णदास को न्याय मिलेगा। लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है। बांग्लादेश में चिन्मय के लिए न्याय की मांग बढ़ रही है चिन्मय के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने मीडिया से कहा कि, वह जमानत के लिए हाईकोर्ट में अपील करने की योजना बना रहे हैं। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, संत चिन्मय कृष्ण दास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था, तब से वह जेल में हैं। उनके लिए न्याय की मांग बढ़ रही है। 

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11 दिसंबर को अदालत ने जमानत याचिका की थी खारिज

पिछली दो सुनवाई में चिन्मय दास के समर्थक वकील को कोर्ट में पेश नहीं होने दिया गया था और आज की सुनवाई में इस्कॉन ने उम्मीद जताई थी कि चिन्मय दास के वकीलों को पेश होने दिया जाएगा। दरअसल, कुछ वकीलों की धमकियों की वजह से पिछली दो सुनवाई में चिन्मय दास के पक्ष में कोई वकील पेश नहीं हो पाया था। इससे पहले 11 दिसंबर को बांग्लादेश की एक अदालत ने प्रक्रिया में खामियों के चलते दास की शुरुआती जमानत याचिका खारिज कर दी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वैध पावर ऑफ अटॉर्नी और वकील के अभाव में याचिका खारिज की गई थी।

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