India News (इंडिया न्यूज), Combat Air Teaming System CATS : POK के बालाकोट में भारतीय वायुसेना के एयर ऑपरेशन तो आपको याद ही होगा। भारतीय वायुसेना की तरफ से बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक में दर्जनों फाइटर शामिल थे। दुश्मन की सीमा में जाकर ऐसे ऑपरेशन में काफी जोखिम होता है। इस जोखिम को खत्म करने के लिए भारत एक ऐसे सिस्टम को तैयार करने में जुटा है, जो एक एयरक्राफ्ट से ही ऑप्रेशन को अंजाम दिया जा सकेगा।
इस सिस्टम का नाम CATS यानी कॉम्बेट एयर टीमिंग सिस्टम दिया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सिस्टम में तीन अलग अलग ड्रोन है। तीनों को एक साथ एक ही फाइटर जेट से ऑप्रेट किया जा सकेगा। पहला ड्रोन सिस्टम है कैट्स वॉरियर, दूसरा है कैट्स हंटर और तीसरा है कैट्स अल्फा।
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कैसे दूश्मन का खात्मा करेंगे तीनों ड्रोन-
कैट्स वॉरियर
सबसे पहले कैट्स वॉरियर की बात करें तो भविष्य में जब भी भारतीय फाइटर किसी भी रिस्की मिशन या ऑप्रेशन में हिस्सा लेंगे, तो एक फॉरेमेशन के तहत कैंट्स वॉरियर भी उनके साथ उड़ान भरेंगे। इन सभी कैट्स वॉरियर ड्रोन में हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाले मिसाइल सिस्टम से लैंस होगा। भारतीय फाइटर को दुश्मन के इलाके में टार्गेट दिख जाता है लेकिन वो सीमा पार नही कर सकता तब इस वॉरियर को लॉंच किया जाएगा। खास बात ये है कि पायलट अपने कॉकपिट में बैठे ही ऑप्रेट कर सकेगा। वॉरियर दुश्मन के इलाके में जाकर बम को लॉन्च करेगा और वापस आ जाएगा।
कैट्स हंटर
भारतीय फाइटर अपने साथ बाकी दोनो ड्रोन कैट्स हंटर और कैट्स अल्फा भी साथ लेकर उडान भरेंगा। जिसमें कैट्स अल्फा 4 छोटे छोटे ड्रोन से लैस होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक स्वदेशी तेजस इस तरह के करीब 20 ड्रोन के साथ उडान भर सकता है। स्वॉर्मिंग तकनीक के जरिए सभी ड्रोन को पहले से ही उसका काम समझा दिया जाएगा. इनमें कुछ रेकी, कुछ मैपिंग और कुछ बम से लैस होंगे. पायलट कॉकपिट में बैठकर इसे ऑप्रेट करेंगा।
कैट्स हंटर
कैट्स हंटर की बात करें तो ये वॉरियर से साइज में थोड़ा छोटा है। इसी वजह से ये तेजस के विंग के नीचे लग सकते हैं। बता दें कि तीनों ड्रोन में से सिर्फ कैट्स वॉरियर ही वापस लौटेगा जब्कि दूसरे ड्रोन मिशन के बाद वापस नही लौटेंगे। इन ड्रोन की मदद से भविष्य में जंग या ऑप्रेशन के दौरान फाइटर जेट के साथ ड्रोन की टीम भी मिशन पर भेजी जा सकती है और सारा जोखिम वाला काम ड्रोन ही निभा सकेंगे।