India News (इंडिया न्यूज), Trump On Greenland : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक बूरी खबर सामने आई है। ग्रीनलैंड में हुए संसदीय चुनावों में दक्षिणपंथी झुकाव वाली डेमोक्राटिट पार्टी की बड़ी जीत हुई है। इस जीत से ट्रंप का ग्रीनलैंड को हड़पने का सपना, सपना ही रह गया है। याद दिला दें कि ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद बयान दिया था कि वो ग्रीनलैंड को अमेरिका में मिला लेंगे, फिर चाहे उन्हें सेना की ही इस्तेमाल क्यों न करना पड़े।
ट्रंप को यहां दोहरा झटका लगा है। ग्रीनलैंड में ट्रंप समर्थक Qulleq पार्टी को मात्र 1.1% वोट मिले हैं। इससे साफ हो गया है कि ग्रीनलैंड के लोग अमेरिका का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं।
ट्रंप को लेकर डेमोक्रेटिक पार्टी का रुख
बता दें कि डेमोक्रेटिक पार्टी शुरूआत से ही ट्रंप की कड़ी आलोचक रही है। पार्टी के प्रमुख नीलसन ने ट्रंप की धमकी को ग्रीनलैंड की राजनीतिक स्वतंत्रता के लिए खतरा बताया था। यही नहीं चुनाव से पहले उन्होंने कहा था कि, हम अमेरिका का हिस्सा नहीं बनना चाहते। ग्रीनलैंड बिकाऊ नहीं है। हम अपनी आजादी खुद तय करेंगे। नीलसन ने कहा था कि मुझे समझ नहीं आता कि ट्रंप कैसे सोच सकते हैं कि हम उनकी सुरक्षा और समृद्धि योजनाओं के लिए तैयार होंगे।
ग्रीनलैंड को क्यों हथियाना चाहते हैं ट्रंप?
दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने कहा था कि ग्रीनलैंड अमेरिकी सुरक्षा हितों के लिए जरूरी है, इसलिए वे इसे खरीदना चाहते हैं। लेकिन वजह कुछ और है। असल में ग्रीनलैंड आर्कटिक क्षेत्र में स्थित एक खनीज संपन्न द्वीप है, जिसकी भू-राजनीतिक महत्ता लगातार बढ़ रही है। ग्रीनलैंड की आबादी 57,000 के करीब है। यहां पर दुर्लभ प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा बर्फ पिघलने से यहां खनिज संसाधनों तक पहुंच आसान हो गई है।
जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका के अलावा चीन और रूस भी ग्रीनलैंड के पीछे पड़े हुए हैं। रूस ने आर्कटिक क्षेत्र में सैन्य गतिविधियां तेज कर दी हैं। चीन ने ग्रीनलैंड में निवेश और आधारभूत ढांचे के विकास में रुचि दिखाई है।