India News, (इंडिया न्यूज), Pakistan : पाकिस्तान जहां एक तरफ आर्थीक संकट से जुझ रही है। वहीं दूसरी तरफ वो देश में आतंकी हमलों से परेशान है। देश में लगातार आतंकी हमले बढ़ रहे हैं। जिसने पाक सरकार की निंद उड़ा रखी है। एक बार फिर पाकिस्तान आतंकी हमलों से दहल गया गया है। इस बार आतंकी हमला फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) की बस पर हुआ। बम हमले में बस कंडक्टर समेत चार लोगों की मौत हो गई और 38 अन्य घायल हो गए। यह हमला बलूचिस्तान के तुर्बत में हुआ।
इलाके की घेराबंदी
आतंकी हमले में एसएसपी सीरियस क्राइम विंग जोहैब मोहसिन और उनके परिवार के छह सदस्य घायल हो गए। ये लोग विस्फोट के समय वहां से गुजर रहे थे। पुलिस की माने तो पांच लोगों की हालत गंभीर है। वहीं इलाके की घेराबंदी कर दी गई है।
किसने किया हमला ?
वहीं हमले की जिम्मेदारी बीएलए ने ली है। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने हमले की निंदा की है और घटना में लोगों की जान जाने पर दुख और खेद व्यक्त किया। बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के 2021 में सत्ता में लौटने के बाद से पाकिस्तान अपने पश्चिमी सीमावर्ती क्षेत्रों में उग्रवादी हिंसा के फिर से उभरने से जूझ रहा है।
पाक में हाल के दिनों में आतंकी हमलों में इजाफा देखने को मिला है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के इलाके में आंतकी मामले बढ़े हैं।
2024 में पाकिस्तान में मची तबाही
साल 2024 में पाकिस्तान मे कुल 444 आतंकी घटनाएं हुई जिसमे कम से कम 685 कर्मियों ने अपनी जान गंवाई।हताहतों की कुल संख्या, जिसमें नागरिक और सुरक्षा बल दोनों शामिल हैं, 1,612 तक पहुंच गई, जो पिछले साल दर्ज की गई कुल मौतों का 63 प्रतिशत से अधिक है। मारे गए 934 आतंकवादियों की तुलना में यह नुकसान में 73 प्रतिशत की चौंका देने वाली वृद्धि है।
हर दिन गई लगभग सात लोगों की जान
2024 में दर्ज की गई मौतों के आकड़े डरावने हैं। इस साल नौ वर्षों में सबसे अधिक मौत के आकड़े दर्ज किए गए। जो 2023 के आंकड़ों से 66 फीसदी से अधिक हैं। औसतन, हर दिन लगभग सात लोगों की जान गई।
टीटीपी को पूरी तरह से खत्म करने का समय-शहबाज शरीफ
3 जनवरी को इस्लामाबाद में राष्ट्रीय कार्य योजना की सर्वोच्च समिति को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान की प्रगति और समृद्धि का एजेंडा, जिस पर हमने कल चर्चा की, तभी साकार हो सकता है जब हम सभी न केवल पाकिस्तान भर में कानून और व्यवस्था में सुधार करेंगे, बल्कि टीटीपी को पूरी तरह से खत्म करने का भी समय आ गया है।