India News(इंडिया न्यूज),Dog Meat Crime: दक्षिण कोरिया में एक बहुत पुरानी प्रथा लगातार चर्चा में रही है। जिसमें वहां के लोग कुत्ते की मीट को खाते है। जिसको लेकर बहुत पहल से ही कोरिया को कई सारे आलोचनाओं का शिकार झेलना पड़ा है। जिसके बाद अब जाकर दक्षिण कोरिया में कुत्ते के मीट पर पूरी तरह से रोक लगा दिया गया है। इसका साथ ही दक्षिण कोरिया की संसद ने कुत्ते का मांस खाने की सदियों पुरानी प्रथा को गैरकानूनी घोषित करने वाले ऐतिहासिक कानून का समर्थन किया है। जानकारी के लिए बता दें कि, यह विधेयक 2027 से मानव उपभोग के लिए कुत्ते को मारने, प्रजनन, व्यापार और इसके मांस की बिक्री को अवैध बना देगा तथा ऐसे कृत्यों के लिए दो से तीन साल तक की कैद की सजा होगी। हालांकि, नए कानून के तहत कुत्ते का मांस खाना गैरकानूनी नहीं होगा।

जानें कैसे हुई शुरूआत

मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि, इन दिनों कुत्ते के मांस की खपत पर प्रतिबंध लगाने के प्रयासों से देश में मांस उद्योग में काफी कमी आई है। हालांकि, इस पहल को किसानों तथा अन्य लोगों के तीव्र विरोध का सामना करना पड़ा है. हाल के सर्वेक्षणों से पता चलता है कि अधिकतर दक्षिण कोरियाई अब कुत्ते का मांस नहीं खाते हैं। कुत्ते के मांस का स्टू, जिसे “बोशिनतांग” कहा जाता है, कुछ पुराने दक्षिण कोरियाई लोगों के बीच एक स्वादिष्ट व्यंजन माना जाता है, लेकिन यह मांस भोजन करने वालों की पसंद से बाहर हो गया है और अब युवा लोगों के बीच लोकप्रिय नहीं है।

क्या कहती है रिपोर्ट

वहीं बात जारी रिपोर्ट की करें तो, पिछले साल गैलप पोल के अनुसार, केवल 8% लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले 12 महीनों में कुत्ते का मांस खाया है, जो 2015 में 27% से कम है. सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से पांचवें से भी कम ने कहा कि वे मांस की खपत का समर्थन करते हैं। वहीं इस निर्णय पर 22 वर्षीय छात्र ली चाए-योन ने कहा कि, पशु अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबंध आवश्यक था। इसके साथ ही चाए ने आगे कहा कि, “आज अधिक लोगों के पास पालतू जानवर हैं, कुत्ते अब परिवार की तरह हैं और हमारे परिवार को इसका मांस खाना अच्छा नहीं लगता।

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