India News (इंडिया न्यूज), Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार (10 मई, 2025) को जानकारी देते हुए बताया कि अमेरिका की मध्यस्थता में भारत-पाकिस्तान ने पूरी तरह से युद्ध विराम कर लिया है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, ट्रंप ने व्हाइट हाउस में वापसी के बाद दुनिया में शांति स्थापित करने वाले नेता के तौर पर अपनी छवि बनाने की कोशिश की है। ट्रंप के समर्थक उनके सख्त और अचानक लिए गए फैसलों को मजबूत कूटनीति बताते हैं तो कई लोग उनके अज्ञानता और अहंकार में लिए गए फैसलों को गलत बताते हैं।
पाकिस्तान ने किया युद्ध विराम का उल्लंघन
हालांकि, ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम की घोषणा करने के कुछ ही घंटों बाद इसके उल्लंघन की खबरें आने लगीं। इन खबरों ने न सिर्फ पाकिस्तान के नापाक इरादों को सबके सामने ला दिया बल्कि ट्रंप की कूटनीति को भी बेअसर और असफल साबित कर दिया। जिसके बाद भारत में कई लोग दुनिया के महाशक्ति देश के राष्ट्रपति होने के बावजूद ट्रंप को कम प्रभावी बता रहे हैं। ट्रंप ने पिछले कुछ महीनों में दूसरे देशों में भी युद्ध विराम लागू करने की कोशिश की है।
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ट्रंप के युद्ध विराम का कैसा है ट्रैक रिकॉर्ड?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी, 2025 को पद की शपथ लेने के बाद ही दुनिया भर में चल रहे युद्ध को रुकवाने की बात कही थी। इसके बाद ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्ता करने की कोशिश की। आईये जानते हैं इसका परिणाम क्या रहा? रूस-यूक्रेन युद्ध विराम डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो 24 घंटे में यूक्रेन युद्ध को रोक देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ट्रंप की तमाम कोशिशों के बावजूद रूस और यूक्रेन स्थायी युद्ध विराम पर सहमत नहीं हो पाए हैं। हालांकि, पिछले हफ़्ते वे 30 दिनों के अस्थायी युद्ध विराम पर पहुंच गए हैं।
इजरायल हमास युद्ध विराम
इजरायल ने 18 मार्च को अमेरिका, कतर और मिस्र द्वारा जनवरी में किए गए युद्ध विराम को तोड़ दिया और फिर से गाजा पर बमबारी शुरू कर दी। तब से ट्रंप प्रशासन इजराइल हमास को शांति के लिए राजी नहीं कर पाया है, जो ट्रंप की खराब कूटनीति का एक और सबूत है। इसके अलावा, अमेरिका ने हूती हमलों को रोकने के लिए यमन में भारी बमबारी शुरू कर दी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में युद्ध विराम के साथ-साथ इजराइल और अमेरिकी सैन्य बेड़े को भी बराबर निशाना बनाया।
अमेरिका ने ओमान की मध्यस्थता में हूतियों के साथ युद्ध विराम पर भी हस्ताक्षर किए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हूती इस युद्ध विराम में अपनी शर्तों पर अड़े हुए हैं और अमेरिका के बजाय इजरायल पर हमला करना जारी रखेंगे। इन सभी युद्धविरामों को देखने के बाद यह स्पष्ट है कि युद्धविराम पर ट्रम्प की रिपोर्ट अच्छी नहीं है।