India News (इंडिया न्यूज), Donald Trump Demand From Ukraine: अमेरिका के राष्ट्रपति की गद्दी संभालने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप अपने सख्त फैसलों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। उन्होंने एक बार फिर से ऐसा काम किया है, जिसकी वजह से एक तबाही की कगार पर देश और भी बर्बाद हो सकता है। ट्रंप ने ये फैसला सिर्फ अमेरिका के हितों को ध्यान में रखते हुए लिया है। ट्रंप का दावा है कि उनके इस फैसले को उस देश ने मान लिया है लेकिन कई जानकारों का मानना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति का ये कदम उस देश की मजबूरी का फायदा उठाने के बराबर है।

क्या है ट्रंप का ये फैसला?

दरअसल, ट्रंप ने ये कांड किया है यूक्रेन के साथ जो इस वक्त रूस के साथ जंग का सामना कर रहा है। अमेरिका अभी तक यूक्रेन की मानवीय तौर पर मदद करता था लेकिन अब राष्ट्रपति ने अपने एहसान का बदला चुकाने को कह दिया है। उन्होंने डिमांड में यूक्रेन के सामने एक समझौता करने को कह दिया है। समझौता ये होगा कि युद्ध में मदद के बदले यूक्रेन, अमेरिका को दुर्लभ धातुओं यानी रेयर अर्थ मेटल्स सप्लाई करेगा। बता दें कि इन्हें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। ट्रंप ने साफ कर दिया है कि इस फैसले में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की हामी भी मिल चुकी है।

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‘स्वार्थी’ क्यों बता रहे हैं लोग?

ट्रंप ने कहा कि ‘अमेरिका लगभग 300 अरब डॉलर की मदद के बदले यूक्रेन से समानता चाहता है’। हालांकि, ट्रंप के इस फैसले से सभी खुश नहीं हैं। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने इसे ‘स्वार्थी’ बताया है। जानकारों का मानना है कि यूक्रेन अपने इन रिसोर्सेस को जंग की तबाही से उबरने के लिए इस्तेमाल कर सकता था। अब देखना होगा कि इस पर जेलेंस्की का रिएक्शन क्या होगा, ट्रंप के इस फैसले पर अभी तक यूक्रेन की ओर से कोई रिएक्शन नहीं आया है।

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