India News(इंडिया न्यूज), Donald Trump: ट्रंप ने ईरान के लिए भी परेशानी खड़ी कर दी है, जो पहले से ही अमेरिकी प्रतिबंधों की मार झेल रहा है। ट्रंप प्रशासन के विदेश विभाग ने ईरानी तेल का चोरी-छिपे व्यापार करने वाले संगठनों और जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन कंपनियों में भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने घोषणा की कि उसने ईरान के पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल उद्योग से जुड़े 16 संगठनों और जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ईरान की तेल बिक्री रोकने के लिए यह कदम उठाया गया। विदेश मंत्रालय और ट्रेजरी विभाग के OFAC ने कुल 22 लोगों पर प्रतिबंध लगाया।

जहाजों को किया प्रतिबंधित

इसके अलावा, 13 जहाजों को ब्लॉक्ड एसेट्स के तौर पर प्रतिबंधित किया गया। जिन लोगों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनमें यूएई और हांगकांग के तेल दलाल, भारत और चीन के टैंकर ऑपरेटर और मैनेजर, ईरान की नेशनल ईरानी ऑयल कंपनी के प्रमुख और ईरानी ऑयल टर्मिनल्स कंपनी शामिल हैं। इन प्रतिबंधित जहाजों पर करोड़ों डॉलर की कीमत के लाखों बैरल कच्चे तेल की खेप भेजी जा रही थी। ईरान पर पहले से लगे अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से उसकी अर्थव्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है।

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चोरी छिपे अपना तेल बेचता है ईरान

ईरान अपना तेल चोरी-छिपे बेचने को मजबूर है। अमेरिका उन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाता है, जिनके साथ उसका व्यापार होता है। ईरान से अवैध तरीके से तेल भेजकर एशिया में बेचने वाली कंपनियों और लोगों पर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं। जिन जहाजों को जब्त किया गया है, उनमें लाखों बैरल कच्चा तेल भरा और ले जाया गया था। अमेरिका का दावा है कि चोरी-छिपे तेल बेचकर ईरान की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही थी। यह व्यापार न केवल आर्थिक गतिविधि थी, बल्कि यह आतंकवादी गतिविधियों को वित्तपोषित करने का जरिया बन गया था।

ईरान की अर्थव्यवस्था पर लगा डेंट

ईरान लगातार हिजबुल्लाह का समर्थन करता रहा है। इसके अलावा वह यमन के हूथी विद्रोहियों की भी सीधे मदद करता रहा है। ट्रंप प्रशासन के आने के बाद यह अहसास हो गया था कि ईरान पर नए प्रतिबंध लगना तय है। सत्ता संभालने के बाद जिस तरह से हुआ। बाइडेन प्रशासन के जाने के बाद यह कयास लगाए जा रहे थे कि ट्रंप के सत्ता में आते ही नए तरह के प्रतिबंधों की झड़ी लग जाएगी। सत्ता संभालने के महज 35 दिनों में ट्रंप ने ईरान पर जमकर हमला बोला। अमेरिका का मानना ​​है कि ईरान की कमाई तेल के व्यापार से होती है। जब कमाई पर प्रतिबंध लगेगा, तो वह आतंकवादी संगठनों की भी मदद नहीं कर पाएगा।

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