India News (इंडिया न्यूज), Illegal Immigrants: पनामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन द्वारा निर्वासित विभिन्न देशों के लगभग 300 लोगों को एक होटल में रखा है और उन्हें तब तक जाने की अनुमति नहीं दी है जब तक कि अंतर्राष्ट्रीय अधिकारी उनके प्रत्यावर्तन की व्यवस्था नहीं कर देते। अधिकारियों ने कहा कि 40 प्रतिशत से अधिक प्रवासी स्वेच्छा से अपने देश वापस नहीं लौटना चाहते हैं और उन्होंने होटल के कमरों की खिड़कियों पर “मदद करें” और “हम अपने देश में सुरक्षित नहीं हैं” जैसे संदेश लिखे हैं।
पनामा सरकार अमेरिका के साथ मिलकर कर रही ये काम
प्रवासी ईरान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और चीन सहित अन्य देशों से हैं। अमेरिका को उन्हें इनमें से कुछ देशों में सीधे निर्वासित करने में कठिनाई होती है, इसलिए पनामा का उपयोग एक पड़ाव के रूप में किया जा रहा है। पनामा के सुरक्षा मंत्री फ्रैंक अब्रेगो ने मंगलवार को कहा कि प्रवासियों को पनामा और अमेरिका के बीच एक प्रवास समझौते के तहत चिकित्सा देखभाल और भोजन प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा, पनामा सरकार अब निर्वासित लोगों के लिए “पुल” के रूप में काम करने के लिए सहमत हो गई है, जिसमें अमेरिका ऑपरेशन का सारा खर्च वहन करेगा। इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की यात्रा के बाद इस सौदे की घोषणा की गई थी।
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पंजाब के मनदीप सिंह का टूटा ये सपना
पनामा नहर पर नियंत्रण वापस लेने की ट्रम्प की धमकियों के कारण राजनीतिक दबाव का सामना कर रहे पनामा के राष्ट्रपति जोस राउल मुलिनो ने पिछले गुरुवार को निर्वासितों की पहली उड़ान के आगमन की घोषणा की। पूर्व सैनिक मनदीप सिंह को अमेरिका में कानूनी प्रवेश का वादा किया गया था, लेकिन उनकी जान जोखिम में पड़ गई क्योंकि उन्हें मगरमच्छों और सांपों से निपटना पड़ा, सिख होने के बावजूद अपनी दाढ़ी कटवानी पड़ी और कई दिनों तक बिना भोजन के रहना पड़ा। लेकिन अमृतसर में अपने परिवार के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करने का उनका सपना 27 जनवरी को तब टूट गया जब उन्हें मेक्सिको के तिजुआना के रास्ते अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करते समय अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने गिरफ्तार कर लिया।
मनदीप ने क्या बताया?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, मनदीप उन 116 भारतीयों में शामिल थे जिन्हें अमेरिकी सैन्य विमान से शनिवार देर रात अमृतसर हवाई अड्डे पर उतारा गया था। अवैध प्रवासियों पर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई के बीच 5 फरवरी के बाद से निर्वासित भारतीयों का यह दूसरा जत्था था। 112 निर्वासितों का तीसरा जत्था रविवार रात अमृतसर पहुंचा। अमृतसर में पत्रकारों से बात करते हुए मनदीप (38) ने कहा कि वह एक पूर्व सैन्यकर्मी हैं। उन्होंने अपने परिवार को बेहतर जीवन देने के लिए अमेरिका में अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया और सोचा कि एजेंट उन्हें कानूनी तौर पर वहां भेज देगा। उन्होंने अपने ट्रैवल एजेंट और उप-एजेंटों द्वारा उन्हें करवाई गई खतरनाक यात्रा के कई वीडियो दिखाए।
वादे के मुताबिक कानूनी प्रवेश के बजाय मनदीप के ट्रैवल एजेंट ने उन्हें ‘डंकी रूट’ पर डाल दिया, जो प्रवासियों द्वारा अमेरिका में प्रवेश करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक अवैध और जोखिम भरा मार्ग है।
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