India News (इंडिया न्यूज), Donald Trump: बुधवार (26 मार्च, 2025) को अमेरिकी आयोग (USCIRF) ने अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर टिप्पणी करते हुए भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चिंता जताई है। आयोग ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर मुस्लिम और ईसाई समुदायों के साथ भेदभाव और दुर्व्यवहार किया जा रहा है। इतना ही नहीं, अमेरिकी आयोग ने भारत की जासूसी एजेंसी RAW (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) के खिलाफ भी प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। आयोग ने कहा कि RAW पर सिख अलगाववादियों की हत्या में शामिल होने का आरोप है, हालांकि इन आरोपों को निराधार बताया गया है।

अमेरिकी आयोग ने क्या कहा?

अमेरिकी आयोग की यह टिप्पणी भारत की आंतरिक राजनीति और सुरक्षा मामलों में हस्तक्षेप करने की कोशिश मानी जा सकती है, जो भारत सरकार के लिए विवादास्पद हो सकती है। अमेरिका के इस कदम पर सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि अमेरिका का इतिहास खुद अप्रवासियों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के उल्लंघन से भरा पड़ा है। दुनिया भर में अपनी सख्त आव्रजन नीति के तहत अप्रवासियों के साथ क्रूर तरीके से पेश आने के लिए जाने जाने वाले अमेरिका की खुद कई बार आलोचना हो चुकी है।

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RAW क्या है?

रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) भारत की प्रमुख विदेशी खुफिया एजेंसी है, जो भारतीय सुरक्षा सुनिश्चित करने और खुफिया जानकारी जुटाने का काम करती है। इसकी स्थापना 1968 में हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय हितों की रक्षा के लिए विदेशों से खुफिया जानकारी हासिल करना है। रॉ आतंकवाद, बाहरी खतरों और भारत की सुरक्षा से जुड़े अन्य मुद्दों पर नजर रखती है। यह पाकिस्तान, चीन और अन्य पड़ोसी देशों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने में खास तौर पर सक्रिय है। रॉ भारतीय विदेश नीति और सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मामलों में अहम भूमिका निभाती है।

क्या ट्रंप प्रतिबंध लगाएंगे?

अपनी रिपोर्ट में इस सवाल के जवाब में रॉयटर्स ने कहा है कि इस बात की बहुत कम संभावना है कि अमेरिकी सरकार भारत की जासूसी एजेंसी रॉ के खिलाफ प्रतिबंध लगाएगी, क्योंकि पैनल की सिफारिशें बाध्यकारी नहीं हैं।

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