India News (इंडिया न्यूज), India Armenia Defense Cooperation : दुनिया के रक्षा उपकरण निर्यातक देशओं में भारत बड़ी तेजी के साथ उभर रहा है। भारत में निर्मित हथियारों में कई देशों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है। इस लिस्ट में आर्मेनिया सबसे आगे है। वो लगातार भारत से हथियारों की खरीद कर रहा है। इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि हाल के वर्षों में, आर्मेनिया ने भारतीय रक्षा उपकरणों में गहरी रुचि दिखाई है और कई अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों का आयात किया है।
आर्मेनिया के विदेश मंत्री अरारात मिर्जोयान ने भी हाल में कहा है कि उनका देश भारत से रक्षा उपकरण हासिल करने में गहरी दिलचस्पी रखता है। अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए आर्मेनिया भारतीय हथियारों पर भरोसा जता रहा है।
भारत-आर्मेनिया के बीच रक्षा संबंध
आपको बता दें कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग केवल हथियारों की आपूर्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सैन्य प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग भी शामिल है। आर्मेनिया के सैनिकों को भारतीय रक्षा संस्थानों में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे भारतीय रक्षा तकनीकों का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें। इसके अलावा आर्मेनिया के विदेश मंत्री ने BRICS समूह में ऑब्जर्वर का दर्जा प्राप्त करने की अपने देश की इच्छा भी ज़ाहिर की है। आर्मेनिया पहले भी BRICS और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठकों में भाग ले चुका है।
वहीं अगर हम रक्षा उपकरणों की बात करें तो आर्मेनिया ने भारत से स्वाति वेपन लोकेटिंग रडार खरीदे हैं। इसके अलावा पिनाका मल्टी-बैरेल रॉकेट लॉन्चर (MLRS) को भी अपनी सेना में शामिल किया है। इनके साथ हॉवित्ज़र तोपें, एंटी-टैंक और एयर डिफेंस सिस्टम और आकाश मिसाइल सिस्टम भी खरीदा है। 2024-2025 के दौरान, आर्मेनिया ने भारतीय हथियारों की खरीद के लिए लगभग 600 मिलियन डॉलर खर्च किए हैं।
आर्मेनिया-अज़रबैजान के बीच जंग
आर्मेनिया का मुख्य सैन्य प्रतिद्वंदी अज़रबैजान है। दोनों देशों के बीच कई युद्ध हो चुके हैं। ये युद्ध खासकर नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र को लेकर हुए हैं। इसी कड़ी में 2020 में हुए युद्ध में आर्मेनिया को भारी नुकसान उठाना पड़ा था, जिसके बाद उसने अपनी रक्षा रणनीति को फिर से मजबूत करने के लिए भारत की ओर रुख किया था। वहीं अज़रबैजान को तुर्की और पाकिस्तान से सैन्य समर्थन मिलता रहा है।