India News (इंडिया न्यूज), Alien News: कुवैत के सुबिया क्षेत्र में खुदाई के दौरान मिट्टी से बनी एक अनोखी और रहस्यमयी सिर की आकृति मिली है, जो करीब 8000 साल पुरानी मानी जा रही है। इस खोज ने पुरातत्वविदों और शोधकर्ताओं को हैरान कर दिया है। वारसॉ विश्वविद्यालय और कुवैती-पोलिश ऐतिहासिक मिशन के अनुसार, यह आकृति बहरा-1 नामक एक पुरातात्विक स्थल पर मिली है, जो अरब प्रायद्वीप में सबसे पुरानी और सबसे बड़ी ज्ञात बस्तियों में से एक है। बताया जा रहा है कि, यह सिर की आकृति प्राचीन मेसोपोटामिया के उबैद काल की है, जो कांस्य युग से पहले का समय है। 

क्या कहते हैं पुरातत्वविद?

इस पूरे मामले पर पुरातत्वविदों का मानना ​​है कि, यह कलाकृति छठी सहस्राब्दी ईसा पूर्व के दौरान बनाई गई थी। इस आकृति में लंबी खोपड़ी, तिरछी आंखें और चपटी नाक है, जो इसे अद्वितीय बनाती है। इस आकृति की विशेषताएं इसे उस समय की अन्य उबैद मूर्तियों से अलग करती हैं। कई लोग इस आकृति को एलियंस से जोड़ रहे हैं। उनका मानना ​​है कि अगर यह कलाकृति एलियंस से जुड़ी है, तो यह साबित हो सकता है कि सात से आठ हजार साल पहले भी एलियंस धरती पर मौजूद थे। हालांकि, इन अटकलों को वैज्ञानिक रूप से साबित करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।

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बहरा-1 साइट का महत्व

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, बहरा-1 साइट, जहां यह आकृति मिली है, अरब नवपाषाण समाजों और मेसोपोटामिया से अनातोलिया तक फैली उबैद संस्कृति के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण साइट है। यह साइट प्राचीन मिट्टी के बर्तनों के उत्पादन के लिए भी जानी जाती है। खुदाई के दौरान मिट्टी के बर्तनों में पौधों के निशान भी मिले हैं, जो इस क्षेत्र की प्राचीन सभ्यता के बारे में नई जानकारी दे सकते हैं। डॉ. रोमन होवसेपियन ने इस खोज पर कहा कि शुरुआती विश्लेषण में स्थानीय मिट्टी के बर्तनों में जंगली पौधों के निशान मिले हैं। इस खोज से बहरा-1 का महत्व और बढ़ जाता है और यह क्षेत्र सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण साइट के रूप में उभरता है।

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