India News (इंडिया न्यूज), Earthquake in Nepal:नेपाल में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। यह भूकंप गुरुवार-शुक्रवार की रात करीब 1.33 बजे आया। इस संबंध में राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई। फिलहाल जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

4.7 की तीव्रता

दो दिन पहले पश्चिमी नेपाल के कास्की जिले में 4.7 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के अनुसार भूकंप का केंद्र काठमांडू से करीब 250 किलोमीटर दूर कास्की जिले के सिनुवा इलाके में था और यह दोपहर 1.59 बजे आया।

आपको बता दें, इससे पहले 14 मई को पूर्वी नेपाल के सोलुकुंबु जिले के छेस्कम इलाके में 4.6 तीव्रता का भूकंप आया था। 15 मई को भी नेपाल में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नेपाल में आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 मापी गई। इसका केंद्र नेपाल के पूर्व में सोलुखुंबू जिले के छेस्कम इलाके में स्थित था।

ख़तरनाक होता है इस तरह का भूकंप

जानकारी के अनुसार, उथले भूकंप गहरे भूकंपों की तुलना में ज़्यादा ख़तरनाक होते हैं, क्योंकि जब वे धरती की सतह के पास आते हैं तो उनकी ऊर्जा ज़्यादा निकलती है, जिससे ज़मीन ज़्यादा हिलती है और संरचनाओं को ज़्यादा नुकसान पहुँचता है और जानमाल का नुकसान होता है। जबकि गहरे भूकंपों की तुलना में सतह पर आने पर उनकी ऊर्जा कम हो जाती है।

नेपाल में भूकंप क्यों आता है?

नेपाल एक अत्यधिक भूकंप-प्रवण क्षेत्र है, जहाँ भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट आपस में टकराती हैं। इस टकराव से अत्यधिक दबाव और तनाव पैदा होता है, जो भूकंप के रूप में सामने आता है। नेपाल एक सबडक्शन ज़ोन में भी स्थित है जहाँ भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे खिसक रही है, जिससे तनाव और दबाव और बढ़ रहा है।

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