India News (इंडिया न्यूज), America Action Against Immigrants: इन दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सख्त फैसले जबरदस्त सुर्खियों में बने हुए हैं। जिनमें से एक अवैध प्रवासियों को देश से निकालना भी शामिल है। हाल ही में एक अमेरिकी विमान भारत के पंजाब में लैंड हुआ है, जिसमें कथित तौर पर हथकड़ी और चेन में बांधकर 104 भारतीय प्रवासी लाए गए हैं। जिस पर देश में राजनीतिक बवाल चल रहा है। सिर्फ भारत ही नहीं ये कांड कई अन्य देशों के साथ भी हो रहा है। इस बवाल के बीच कुछ ऐसे देश भी आगे आए हैं जो निकाले गए प्रवासियों को अपने देश में जगह देने के लिए तैयार हैं।

अमेरिका से निकाले गए प्रवासियों को अपने देश में रखने के लिए जो देश तैयार है उसका नाम अल सल्वाडोर है। हालांकि, इस देश ने एक शर्त भी रख दी है। इस देश ने अमेरिका में क्रिमिनल मान लिए गए लोगों को स्वीकार करने का ऐलान कर दिया है। अल सल्वाडोर देश का कहना है कि उसे राष्ट्रीयता से भी कोई लेना-देना नहीं है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने सोमवार को अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले के साथ बातचीत के बाद इस समझौते का ऐलान भी कर दिया है।

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इस मीटिंग के बाद ये तय हुआ है कि अल सल्वाडोर की जेल में अमेरिका से निर्वासित किए गए लोगों को पनाह दी जाएगी। सिर्फ यही नहीं राष्ट्रपति नायब बुकेले, खतरनाक अमेरिकी अपराधियों को भी अपने देश में स्थित जेलों में पनाह देने के लिए तैयार हैं। इस अनोखी जेल को ‘मेगा-प्रिजन’ (CECOT) का नाम दिया गया है। यहां निकाले गए लोगों और अपराधियों को रखने के बदले अल सल्वाडोर देश एक शुल्क भी लेगा ताकि जेल की सारी व्यवस्था आत्मनिर्भर बनी रहे और देश की आर्थिक स्थित पर कोई बोझ ना पड़े।

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