India News (इंडिया न्यूज),TikTok:अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में अब सिर्फ 5 दिन बचे हैं, लेकिन उससे पहले ही शॉर्ट वीडियो ऐप TikTok पर संभावित बैन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। इस बीच ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन TikTok को लेकर एलन मस्क से डील करना चाहता है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अधिकारी TikTok में कुछ शेयर बेचने पर विचार कर रहे हैं। चीन पहले भी TikTok की बिक्री का कड़ा विरोध कर चुका है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मुद्दे पर अभी भी चीनी अधिकारियों के बीच मतभेद हैं।

एलन मस्क ने क्या कहा ?

डील की रूपरेखा कैसे बनेगी और इसे कैसे अंजाम दिया जाएगा, इस पर कोई ठोस योजना नहीं है। खुद एलन मस्क ने भी अभी तक इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है। फिर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि अगर यह डील होती है, तो इसके पीछे चीन का असली मकसद क्या हो सकता है? और क्या यह डील मस्क के लिए इतनी आसान होगी? अमेरिका में TikTok खतरे में 19 जनवरी को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है, जहां TikTok के भविष्य पर फैसला होगा। अमेरिका में इस शॉर्ट वीडियो ऐप को प्राइवेसी और सुरक्षा के लिए खतरा बताया जा रहा है। भारत में 2020 में TikTok पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, जब गलवान विवाद के बाद इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था। अब अमेरिका में भी इसी तरह के कदम उठाए जाने की संभावना है।

मस्क भरोसेमंद साझेदार

CNN की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीनी अधिकारी TikTok की पैरेंट कंपनी ByteDance पर नियंत्रण बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन TikTok को अमेरिका में प्रतिबंधित होने से बचाने के लिए वे एलन मस्क को एक भरोसेमंद साझेदार मान सकते हैं।

एलन मस्क की कंपनियों, खासकर टेस्ला का चीन में बड़ा कारोबार है। इस वजह से चीन उन्हें एक भरोसेमंद सहयोगी मानता है। अगर मस्क TikTok को खरीद लेते हैं, तो इसे फ्री स्पीच और प्राइवेसी प्रोटेक्शन के तौर पर पेश किया जा सकता है। इसके अलावा, मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X को एक बड़ा और प्रभावी प्लेटफॉर्म मिल सकता है।

टैरिफ से बच सकता है चीन

यह कदम सिर्फ चीन के लिए TikTok को बचाने तक सीमित नहीं है। इसके जरिए चीन अमेरिकी प्रशासन के साथ अपने कारोबारी रिश्ते बेहतर करना चाहता है। डोनाल्ड ट्रंप ने पहले चीनी आयात पर भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। अगर मस्क के जरिए चीन और ट्रंप के बीच बातचीत होती है, तो चीन इस टैरिफ से बच सकता है। वहीं ट्रंप इसे अमेरिका में TikTok को बचाने और लोगों की निजता सुनिश्चित करने के वादे के तौर पर पेश कर सकते हैं।

मस्क के लिए आसान नहीं होगा डील

हालांकि, इस डील को पूरा करना मस्क के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि इसमें बहुत बड़ी लागत और फंडिंग की चुनौतियां शामिल हैं। इसमें पहली चुनौती फंडिंग की है, मस्क भले ही दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक हों लेकिन उनकी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा टेस्ला और उनकी दूसरी कंपनियों के शेयरों में बंधा हुआ है।

दूसरी बात, जब मस्क ने ट्विटर खरीदा, जिसे अब एक्स कहा जाता है, तो वो डील बहुत महंगी साबित हुई और कंपनी को घाटा हुआ। इससे उनके लिए TikTok के लिए फंड जुटाना मुश्किल हो सकता है। ट्रंप के साथ मस्क के करीबी रिश्तों की वजह से बैंक उनकी मदद कर सकते हैं, लेकिन लोन जुटाना फिर भी एक चुनौती होगी।

इसलिए अगर एलन मस्क TikTok को खरीदने का फैसला करते हैं तो ये डील उन्हें एक नया डिजिटल साम्राज्य बनाने का मौका दे सकती है। लेकिन इसमें जोखिम भी उतना ही बड़ा है।

बता दें कि TikTok पर भारत सरकार ने बैन लगाया है अब अगर एलन मस्क TikTok के नए मालिक बनते हैं तो ये देखना होगा कि भारत में इस शॉर्ट वीडियो ऐप से बैन हटेगा या नहीं।

 

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