India News (इंडिया न्यूज), Europe blackout Conspiracy revealed: यूरोप के कई देशों में अचानक बिजली गुल हो गई, जिससे स्पेन, पुर्तगाल और दक्षिणी फ्रांस में बड़ा ब्लैकआउट हो गया। इस अंधेरे ने न केवल रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित किया, बल्कि कई महत्वपूर्ण सेवाओं और संस्थानों को भी ठप कर दिया। खुद ही कल्पना करें कि अगर यूरोपीय देशों में अचानक बिजली चली जाए तो क्या स्थिति होगी। चलती मेट्रो से लेकर चलती लिफ्ट तक सब कुछ बंद हो जाएगा। पूरा देश अचानक रोशनी से अंधेरा हो जाएगा। यह कोई आम बात नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई यह गलती है या किसी की साजिश।

स्पेन की पावर ग्रिड प्रबंधन कंपनी रेड इलेक्ट्रिका ने बयान जारी कर कहा कि वे धीरे-धीरे उत्तरी और दक्षिणी स्पेन में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। यह ‘क्रमिक ऊर्जाकरण’ प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है, जिसमें बिजली संयंत्रों के जनरेटर समूहों को ग्रिड से फिर से जोड़ा जा रहा है। ब्लैकआउट के बाद से स्पेन के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल की जा रही है।

घटना या साजिश

वहीं, अधिकारियों का कहना है कि इस ब्लैकआउट के कारणों की जांच की जा रही है। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि यह घटना यूरोपीय पावर ग्रिड में असंतुलन के कारण हुई। हालांकि, साइबर अटैक की संभावना को भी पूरी तरह से खारिज नहीं किया गया है। ऐसे में यूरोप में ऊर्जा नेटवर्क की मजबूती और इसकी संभावित खामियों को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

अस्पताल से लेकर एयरपोर्ट तक चल रहे जेनरेटर

पुर्तगाल में एयरपोर्ट ने आपातकालीन जेनरेटर चालू कर दिए हैं। एएनए (पुर्तगाली एयरपोर्ट) ने पुष्टि की है कि पोर्टो और फारो एयरपोर्ट पर जरूरी कामकाज जारी रखने के लिए जेनरेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि लिस्बन में कामकाज में कुछ सीमाएं देखी जा रही हैं। इसके अलावा पुर्तगाल के नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल इमरजेंसी (आईएनईएम) ने भी आपातकालीन योजनाओं के तहत अपने टेलीफोन और कंप्यूटर सिस्टम को जेनरेटर के जरिए चलाना शुरू कर दिया है।

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ब्लैकआउट का क्या असर हुआ?

ब्लैकआउट का मेडिकल सेक्टर पर भी गंभीर असर पड़ा है। पुर्तगाल के मिसेरिकोर्डिया अस्पतालों ने सभी सर्जरी रद्द कर दी हैं और सिर्फ वही सर्जरी पूरी की जा रही हैं जो पहले से चल रही थीं। अस्पतालों में जेनरेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो चार से छह घंटे तक काम करने में सक्षम हैं। हालांकि, सर्जरी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है और बाकी सभी सर्जरी टाल दी गई हैं।

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