India News (इंडिया न्यूज),Syria Reconstruction: सीरिया पिछले 14 सालों से ऐसी स्थति में फसा हुआ था जिससे बाहर निकलना हर किसी के बस की बात नहीं है। लेकिन केवल दो देशों की दिलदारी ने सीरिया को खराब स्थति से वापस एक अच्छी स्थति में लाकर खड़ा कर दिया। दरअसल, सऊदी अरब और कतर ने सीरिया में लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध के बाद सत्ता में आई नई सरकार की मदद के लिए विश्व बैंक का कर्ज चुकाने की जिम्मेदारी ली है। वहीँ अब आप सोच रहे होंगे कि कतर और सऊदी ने इतना बड़ा फैसला क्यों लिया, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें, दोनों अमीर अरब देशों के इस कदम से सीरिया की मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के दरवाजे खुलेंगे।

  • सीरिया का भी आया रिएक्शन
  • ग्रह युद्ध ने किया सीरिया को बर्बाद

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सीरिया का भी आया रिएक्शन

वहीँ सऊदी और कतर के वित्त मंत्रालयों की तरफ से जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि विश्व बैंक को सीरिया का करीब 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर का कर्ज चुकाने का फैसला इस महीने वाशिंगटन में विश्व बैंक और आईएमएफ की बैठकों के दौरान लिया गया। वहीँ सीरिया के विदेश मंत्रालय ने कर्ज चुकाने के लिए दोनों अरब देशों का शुक्रिया अदा किया साथ ही कहा कि इससे 14 सालों के संघर्ष के बाद पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण की दिशा में सहयोग बढ़ाने का रास्ता खुलेगा, जिसमें पांच लाख लोग मारे गए और पूरे देश में व्यापक विनाश हुआ।

ग्रह युद्ध ने किया सीरिया को बर्बाद

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र ने 2017 में इस बात का अंदाजा लगाया था कि सीरिया के पुनर्निर्माण में कम से कम 250 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत आएगी। अब कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि यह संख्या कम से कम 400 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच सकती है। सऊदी-कतर के संयुक्त बयान में कहा गया है कि सीरिया के ऋण का भुगतान सीरिया में विश्व बैंक के समर्थन और गतिविधियों को फिर से शुरू करने में मदद करेगा जो 14 से ज्यादा सालों से रुकी हुई हैं। वहीँ फिर बिना देरी किए हुए सऊदी और कतर ने हाथ आगे किया और सीरिया की साड़ी मुश्किलें दूर कर दीं।

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