India News (इंडिया न्यूज),Harvard University:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से ही हर क्षेत्र में कुछ न कुछ बदलाव हो रहे हैं और अब ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के प्रवेश पर रोक लगा दी है, यानी अब विदेशी छात्र इस यूनिवर्सिटी में प्रवेश नहीं ले पाएंगे। पिछले गुरुवार को लिए गए ट्रंप प्रशासन के होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) के इस फैसले से करीब 6,800 विदेशी छात्र प्रभावित होंगे, जो फिलहाल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हैं। इनमें भारत के 788 छात्र भी शामिल हैं। शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 के दौरान हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कुल 6,793 विदेशी छात्र थे, जो यहां पढ़ने वाले कुल छात्रों का करीब 27 फीसदी है।
छोड़ना पड़ सकता है अमेरिका
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विदेशी छात्रों को प्रवेश देने की पात्रता फिर से हासिल करने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को 72 घंटे के भीतर मौजूदा विदेशी छात्रों की जानकारी अमेरिकी सरकार को देनी होगी। फिलहाल इस यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले सभी विदेशी छात्रों को दूसरे यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में ट्रांसफर लेने को कहा गया है और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें देश (अमेरिका) छोड़ना पड़ सकता है।
दाखिले की पात्रता क्यों रद्द की?
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से अमेरिकी सरकार और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच विदेशी छात्रों से जुड़े रिकॉर्ड को लेकर खींचतान चल रही है। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने पिछले महीने सख्त चेतावनी दी थी कि अगर यूनिवर्सिटी ने 30 अप्रैल तक विदेशी छात्रों के अवैध और हिंसक मामलों का रिकॉर्ड नहीं दिया तो उनका SEVP यानी स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम सर्टिफिकेशन रद्द कर दिया जाएगा। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने विदेशी छात्रों का रिकॉर्ड दे दिया था, लेकिन ट्रंप प्रशासन इससे संतुष्ट नहीं दिखा।
DHS क्या करता है?
यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर प्रोग्राम का प्रबंधन करता है। यह कॉलेजों को विदेशी छात्रों के लिए वीजा दस्तावेज जारी करने की अनुमति देता है, यानी इस मामले में होमलैंड सिक्योरिटी विभाग पूरी तरह से दखल देता है। अगर यह इस प्रोग्राम को रद्द करता है तो इसका सीधा मतलब है कि विदेशी छात्रों को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला नहीं मिल पाएगा और इससे हार्वर्ड की विदेशी छात्रों को दाखिला देने की क्षमता प्रभावित होगी।
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