India News (इंडिया न्यूज), Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बुधवार को अपने देश को ऑनलाइन संबोधित किया। इसके बाद वहां हिंसा शुरू हो गई। यह हिंसा शुक्रवार को भी जारी रही। अवामी लीग के कई नेताओं के घर जलाकर राख कर दिए गए। अंतरिम सरकार ने हिंसा पर चिंता जताई है। शेख हसीना की मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने गुरुवार देर रात देश के मौजूदा हालात पर चिंता जताई और कहा कि अगर सरकार उभरती चुनौतियों को नियंत्रित करने में विफल रही तो स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
विरोध प्रदर्शन जारी
24 से ज्यादा जिलों में विरोध प्रदर्शन और हिंसा की लपटें सुलग रही हैं। तीन दिन के अंदर यहां प्रदर्शनकारियों ने देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की भित्तिचित्रों को नष्ट कर दिया। वे शेख की प्रतिमा और स्मारक को चुन-चुनकर निशाना बना रहे हैं। गुरुवार को कमिला कोर्ट परिसर, कमिला सिटी पार्क, नारायणगंज कोर्ट परिसर, शहर के डिप्टी कमिश्नर और पुलिस अधीक्षक के दफ्तरों में शेख मुजीबुर रहमान की भित्तिचित्र वाली प्रतिमा और आधार पर बुलडोजर चला। स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन की कमिला शहर इकाई के सचिव रशीदुल हक ने कहा, “हम फासीवाद के सभी चिह्न मिटा देंगे।” शेख हसीना, मुजीबुर रहमान के घर ध्वस्त कर दिए गए हैं।
अवामी लीग नेताओं के घरों में लगाया जा रहा आग
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, गुरुवार रात 1.30 बजे प्रदर्शनकारियों ने ढाका के बनानी में अवामी लीग नेता शेख सलीम के घर में आग लगा दी। इसके अलावा अवामी लीग के महासचिव और पूर्व सड़क, परिवहन और पुल मंत्री ओबैदुल कादर, कंपनीगंज अवामी लीग के अध्यक्ष अब्दुल कादर मिर्जा, बसुरहाट नगर पालिका के पूर्व मेयर शहादत मिर्जा, राजशाही में पूर्व विदेश राज्य मंत्री शहरयार आलम, शालगरिया गांव में अवामी लीग नेता अबू सईद, अवामी लीग के पूर्व सांसद लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मसूद उद्दीन चौधरी की संपत्तियों और घरों में भी आग लगा दी गई।
संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने शुक्रवार को बांग्लादेश में फिर से शुरू हुई हिंसा पर चिंता जताई। ह्यूमन राइट्स वॉच की उप एशिया निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने कहा, “बांग्लादेश को सुधारों, न्याय और संयुक्त राष्ट्र समर्थित तंत्रों का समर्थन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का समर्थन मांगना चाहिए, जो देश के लिए एक लोकतांत्रिक भविष्य को सुरक्षित करने में मदद कर सकता है।”