India News (इंडिया न्यूज), Pakistan Imran Khan News: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री पूर्व विश्व वजेता क्रिकेट कप्तान इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट से जुड़े भूमि भ्रष्टाचार मामले में 14 साल जेल की सजा हुई है। इसके अलावा बुशरा बीबी को 7 साल की सजा सुनाई गई है। आर्य न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला रावलपिंडी की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत में सुनाया गया, जहां इमरान खान अगस्त 2023 से जेल में हैं। इस मामले में खान के साथ उनकी पत्नी बुशरा बीबी और छह अन्य पर आरोप लगाए गए थे, जिनमें से अधिकांश देश से बाहर हैं।

न्यायाधीश नासिर जावेद राणा ने अदियाला जेल में स्थापित एक अस्थायी अदालत में यह फैसला सुनाया। यह फैसला तीन बार टाला जा चुका था। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने दिसंबर 2023 में खान और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें उन पर राष्ट्रीय खजाने को 190 मिलियन पाउंड का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।

क्या है पूरा मामला?

अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामला पाकिस्तान के इतिहास में वित्तीय गड़बड़ी के सबसे बड़े मामलों में से एक है। इस मामले में आरोप है कि इमरान खान और उनकी पत्नी ने एक प्रॉपर्टी टाइकून के साथ मिलकर सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया। हालांकि, इमरान खान और बुशरा बीबी के अलावा अन्य आरोपी देश से बाहर हैं, जिसके कारण केवल खान और बीबी के खिलाफ ही मुकदमा चलाया गया।

क्या है अल-कादिर ट्रस्ट?

अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामला पाकिस्तान के सबसे विवादित मामलों में से एक है, जिसमें 50 अरब पाकिस्तानी रुपये के दुरुपयोग का आरोप है। यह पैसा ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी ने पाकिस्तान को लौटा दिया था, लेकिन कथित तौर पर इसे एक प्रॉपर्टी टाइकून के निजी लाभ के लिए जारी कर दिया गया था। इस पैसे का इस्तेमाल झेलम में अल-कादिर यूनिवर्सिटी के लिए जमीन खरीदने में किया गया, जिसे बुशरा बीबी और इमरान खान ने मिलकर स्थापित किया था।

अल-कादिर ट्रस्ट बुशरा बीबी की भूमिका

बुशरा बीबी, जो अल-कादिर ट्रस्ट की ट्रस्टी हैं। उन पर इस सौदे से निजी लाभ लेने का आरोप है। ट्रस्ट के तहत 458 कनाल भूमि अधिग्रहित की गई थी, और इस भूमि का उपयोग विश्वविद्यालय बनाने के लिए किया गया था। आरोपों के अनुसार, राष्ट्रीय खजाने के लिए निर्धारित इस धन को निजी परियोजनाओं में निवेश किया गया था।

इस मामले में संपत्ति के दिग्गजों की भूमिका महत्वपूर्ण है, जिन्होंने कथित तौर पर इस विश्वविद्यालय की स्थापना में इमरान खान और बुशरा बीबी की मदद की थी। आरोप है कि यह सहयोग धन के दुरुपयोग और व्यक्तिगत लाभ के लिए किया गया था।

फंस गई Saif Ali Khan की नौकरानी, पुलिस को मिला ऐसा चौंकाने वाला सुराग, पलट गया सारा गेम

भ्रष्टाचार विरोधी अदालत का फैसला

इस मामले में रावलपिंडी की भ्रष्टाचार विरोधी अदालत ने इमरान खान को 14 साल जेल की सजा सुनाई। अदालत ने पाया कि राष्ट्रीय खजाने को नुकसान पहुंचाने के इरादे से धन का दुरुपयोग किया गया था। यह मामला इमरान खान के लिए एक बड़ा राजनीतिक झटका है। यह पाकिस्तान में भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस फैसले का पाकिस्तान की राजनीति और सरकारी पारदर्शिता पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे आगे कानूनी कार्रवाई की संभावना बढ़ जाएगी।

चंद्रशेखर को लेकर मायावती की नई चाल, बसपा चीफ के इस शख्स की सियासत में हो सकती है एंट्री