India News (इंडिया न्यूज), Funeral of Pope Francis: अपने करिश्माई व्यक्तित्व, विनम्र स्वभाव और गरीबों के प्रति चिंता से दुनिया भर के लोगों पर अमिट छाप छोड़ने वाले लैटिन अमेरिका के पहले पोप पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे 88 वर्ष के थे। वे 38 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे, जो पोप के रूप में उनके 12 साल के कार्यकाल में अस्पताल में भर्ती होने की सबसे लंबी अवधि है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार कैसे होता है। अगर नहीं पता तो आइए जानते हैं।
कैसे होता है पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार?
आपको जानकारी के लिए बता दें कि, पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार रोमन कैथोलिक परंपरा और वेटिकन के सख्त रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाएगा। पोप के निधन की पुष्टि कैमरलेंगो द्वारा की जाती है, जो वेटिकन में विशेष जिम्मेदारियों वाला एक अधिकारी होता है। वह एक छोटे चांदी के हथौड़े से उनके माथे को छूते हुए तीन बार पोप का नाम पुकारता है। अगर कोई जवाब नहीं आता है, तो मृत्यु की औपचारिक घोषणा की जाती है।
हथौड़े से तोड़ा जाता है अंगूठी
पोप की विशिष्ट “फिशरमैन रिंग” को हथौड़े से तोड़ दिया जाता है ताकि कोई इसका दुरुपयोग न कर सके। पोप के निधन के बाद वेटिकन और दुनिया भर के चर्चों में 9 दिनों तक प्रार्थना और विशेष सामूहिक प्रार्थनाएं की जाती हैं। इन 9 दिनों को नोवेमडियाल्स कहा जाता है। पोप के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाता है। पार्थिव शरीर को विशेष पोप पोशाक पहनाई जाती है। इसे तीन दिनों तक सेंट पीटर बेसिलिका में रखा जाता है ताकि लोग इसे देख सकें।
भव्य समारोह में होता है अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार एक बहुत ही भव्य और पवित्र समारोह होता है, जिसमें दुनिया भर से नेता, राजनेता, धार्मिक नेता और लाखों भक्त भाग लेते हैं। यह समारोह सेंट पीटर स्क्वायर में होता है और पूरी दुनिया में इसका सीधा प्रसारण किया जाता है। पोप को सम्मानपूर्वक रिक्विम मास दिया जाता है। पार्थिव शरीर को सरू की लकड़ी के ताबूत में रखा जाता है, पोप को सेंट पीटर की कब्र के नीचे वेटिकन ग्रोटो में दफनाया जाता है। अगर पोप की कोई विशेष इच्छा हो तो उन्हें किसी अन्य चर्च या स्थान पर भी दफनाया जा सकता है। पोप का अंतिम संस्कार पूरी तरह से धार्मिक और बेहद गरिमापूर्ण प्रक्रिया है।