India News (इंडिया न्यूज), Gaza Photo Journalist Fatima Hassouna: इजरायल और हमास की जिद में गाजा पिछले दो सालों से युद्ध की आग में जल रहा है। गाजा पट्टी पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुकी है और लाखों लोग भूख से जूझ रहे हैं। इस बीच नेतन्याहू की सेना भारी बमबारी कर रही है। इस बमबारी में एक युवा पत्रकार फातिमा हसौना की जान चली गई है। बताया जा रहा है कि, फातिमा को इस बात की जानकारी थी कि उसकी जान हर समय खतरे में है, लेकिन उसने कभी अपना कैमरा नीचे नहीं रखा। वह चाहती थी कि दुनिया गाजा की सच्चाई, विनाश, विस्थापन और लोगों के संघर्ष को देखे।

मौत से कुछ दिन पहले लिखा था ये पोस्ट

जानकारी के अनुसार, अपनी मौत से कुछ दिन पहले फातिमा ने सोशल मीडिया पर लिखा था, “अगर मैं मरती हूं, तो मेरी मौत ऐसी होनी चाहिए कि आवाज दूर-दूर तक गूंजे। मैं सिर्फ एक ब्रेकिंग न्यूज या आंकड़ा बनकर नहीं रहना चाहती। मैं एक ऐसी छवि छोड़ना चाहती हूं जिसे समय या धरती दफन न कर सके।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पत्रकार फातिमा की कुछ दिनों में शादी होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही इजरायली मिसाइल हमले में उनकी जान चली गई।

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परिवार के 10 लोग भी मारे गए

इस हमले में फातिमा के परिवार के 10 लोग मारे गए हैं, जिसमें उनकी गर्भवती बहन भी शामिल है। साथ ही 50 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। गाजा में लोग भूख से तड़प रहे हैं, लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। फातिमा की मौत ने दुनिया भर के पत्रकारों और मानवाधिकार समर्थकों को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने न सिर्फ एक पत्रकार के तौर पर, बल्कि एक बहादुर इंसान के तौर पर भी अपनी कहानी पूरी दुनिया को बताई।

आपको जानकारी के लिए बता दें कि, गाजा में जारी हालिया इजरायली हमलों में अब तक 51 से ज्यादा फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं, जबकि 1,16,724 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। लगातार हो रहे हमलों की वजह से गाजा की 90 फीसदी से ज्यादा आबादी विस्थापित हो चुकी है और मानवीय संकट गहराता जा रहा है।

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