India News (इंडिया न्यूज), General Yahya Khan: पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच चुका है। एक बार फिर दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है। ऐसे में हम आपको ऐसे पाकिस्तानी जनरल की कहानी बताएंगे, जिसकी बदचलन प्रवृति की वजह से 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की हार हुई थी। 16 दिसंबर 1971 की तारीख भारतीय इतिहास के सुनहरे पन्नों पर दर्ज है। क्योंकि यही वो दिन था, जब भारत ने महज 13 दिनों के अंदर पाकिस्तानी सेना को घुटनों पर ला दिया था। ढाका में 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को भारतीय सेना के सामने सरेंडर करना पड़ा था और इसके बाद पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया था।

किस लिए मशहूर थे याह्या खान?

बताया जाता है कि, जब भारत और पाकिस्तान के बीच यह युद्ध हुआ था, तब पाकिस्तानी सेना के मुखिया जनरल याह्या खान थे। याह्या खान को पाकिस्तान के इतिहास में उनके साहसी फैसलों के लिए कम बल्कि महिलाओं के साथ बदचलनी के लिए ज्यादा जाना जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि वह शराब पीने और नग्न होकर पार्टी करने के लिए मशहूर थे। पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने कई बार इस बात को स्वीकार किया है कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की हार का कारण तत्कालीन जनरल का अय्याश स्वभाव था। पाकिस्तानी शासकों पर लिखी गई किताब ‘पाकिस्तान एट द हेल्म’ में तिलक देवेश्वर ने लिखा है कि याह्या खान बहुत ही अय्याश व्यक्ति था। याह्या खान में वो सभी बुराइयां थीं जो बहुत ज्यादा शराब पीने से हो सकती हैं।

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‘हाउस वार्मिंग पार्टी’ में होती थी अय्याशी

जानकारी के अनुसार, जनरल याह्या खान के घर पर एक पार्टी होती थी जिसमें देश की तमाम नामी हस्तियां शामिल होती थीं। इस पार्टी को ‘हाउस वार्मिंग पार्टी’ के नाम से जाना जाता था। इसमें शामिल होने वाले पुरुष और महिलाएं शराब के नशे में धुत होकर अपने कपड़े उतारकर नग्न हो जाते थे। हसन अब्बास की किताब ‘पाकिस्तान ड्रिफ्ट इनटू एक्सट्रीमिज्म’ में एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा है कि एक बार जनरल याह्या खान अपनी गर्लफ्रेंड को नंगा करके अपनी कार में छोड़ने जा रहे थे। हसन अपनी किताब में लिखते हैं कि याह्या के सचिव मेजर जनरल इसहाक नशे में नहीं थे। वह याह्या को पैंट पहनने के लिए मनाने में सफल रहे, वरना उस दिन इस्लामाबाद की सड़कों पर कुछ और ही नजारा देखने को मिलता।

दिया गया था ये आदेश

याह्या खान की अय्याशी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसके सैनिकों और कमांडरों को निर्देश था कि रात 10 बजे के बाद उससे मिलने वाले मौखिक निर्देशों और आदेशों का पालन न किया जाए। चीफ ऑफ स्टाफ जनरल अब्दुल हामिद खान ने साफ तौर पर आदेश जारी किए थे कि रात 10 बजे के बाद कोई भी आदेश अगली सुबह राष्ट्रपति कार्यालय से पुष्टि के बाद ही लागू किया जाना चाहिए।

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मिली ये सजा

बताया जाता है कि 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद जनरल याह्या को बेहद खौफनाक सजा मिली थी। जिसकी चर्चा पाकिस्तान में आज भी होती है। दरअसल, जनरल याह्या खान को तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने बन्नी के एक रेस्ट हाउस में नजरबंद कर दिया था। जानकारी के अनुसार, इस रेस्ट हाउस में सिर्फ मक्खियां, मच्छर और सांप ही नजर आते थे। यही वजह है कि जनरल जिया-उल-हक के तानाशाह बनने के बाद जुल्फिकार अली भुट्टो को फांसी पर लटका दिया गया और याह्या को जेल से रिहा कर दिया गया। लेकिन याह्या सिर्फ 1980 तक ही जिंदा रहे।

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