India News (इंडिया न्यूज), Hezbollah Pager Attack:लेबनान में हिजबुल्लाह के लड़ाकों और सदस्यों पर पेजर हमले ने पूरी दुनिया में सनसनी फैला दी है। इन पेजर धमाकों को ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो से भी जोड़ा जा रहा है। जैसे ही यह बात सामने आई कि हिजबुल्लाह ने ताइवान की कंपनी से पेजर मंगवाए थे, ताइवान की पुलिस गोल्ड अपोलो कंपनी के दफ्तर पहुंच गई। कंपनी के संस्थापक ह्सू चिंग-कुआंग ने मीडिया से कहा कि मंगलवार को लेबनान में हुए विस्फोटों में जिन पेजर का इस्तेमाल किया गया, उन्हें कंपनी ने नहीं बनाया है। उन्होंने कहा कि विस्फोटों में इस्तेमाल किए गए पेजर यूरोपीय कंपनी ने बनाए हैं, जिसे ताइवान की कंपनी के ब्रांड नाम का इस्तेमाल करने का अधिकार है। ताइवान की कंपनी का कहना है कि उन्होंने इस मॉडल के पेजर बनाने का सब-कॉन्ट्रैक्ट यूरोपीय कंपनी बीएसी कंसल्टिंग केएफटी को दिया था और इसके कंपोनेंट किसी तीसरे पक्ष से खरीदे गए हैं। कंपनी के मालिक ह्सू चिंग-कुआंग ने कहा कि इस हमले का शिकार सिर्फ हिजबुल्लाह ही नहीं बल्कि कंपनी भी है। उन्होंने कहा, “हम एक जिम्मेदार कंपनी हैं। यह हमारे लिए बहुत शर्मनाक है।”

किसने बनाई थी पेजर

हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने इस विश्वास के साथ पेजर का इस्तेमाल करना शुरू किया कि इससे उन्हें अपने ठिकानों पर इजरायल की निगरानी से बचने में मदद मिलेगी, लेकिन इजरायल ने इसी तकनीक का इस्तेमाल उनके खिलाफ किया है।विस्फोट में फटे पेजर की तस्वीरों का विश्लेषण समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने किया, जिसमें पेजर के पीछे स्टिकर दिखाई दे रहे थे, जो गोल्ड अपोलो कंपनी के थे। लेबनान के एक वरिष्ठ सुरक्षा सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि हिजबुल्लाह ने ताइवान स्थित गोल्ड अपोलो से 5,000 पेजर मंगवाए थे।

हिजबुल्लाह रह गया शॉक

मंगलवार को लेबनान और सीरिया में लेबनानी सदस्यों के पेजर फटने लगे, जिससे करीब 3 हजार हिजबुल्लाह लड़ाके और नागरिक घायल हो गए और करीब 11 के मारे जाने की खबर है। हिजबुल्लाह ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, इस बारे में इजरायल की ओर से कोई बयान नहीं आया है। वहीं, अमेरिका ने हिजबुल्लाह और ईरान से शांति बनाए रखने की अपील की है।

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