India News (इंडिया न्यूज), Hindus Population In Bangladesh: बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन के बाद अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। तब से बांग्लादेश में हालात ख़राब होते चले गए हैं। साथ ही भारत-बांग्लादेश के कूटनीतिक संबंध भी तनावपूर्ण हो गए हैं। दरअसल, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं पर बयानों ने तनाव को और बढ़ा दिया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या कितनी है? वहीं, पाकिस्तान से अलग होने से पहले बांग्लादेश में यह संख्या कितनी थी?
हिंदुओं की आबादी में कितनी कमी आई?
बता दें कि, बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी में भारी गिरावट आई है। आपको जानकर हैरानी होगी कि 1947 में इस भूतपूर्व पाकिस्तान (बांग्लादेश) में 25 प्रतिशत हिंदू थे, परंतु आज यह संख्या घटकर मात्र 8-9 प्रतिशत रह गई है। अब सवाल यह है कि वे कहां गए? क्या उन्होंने धर्म परिवर्तन किया? क्या वे भारत चले गए? या फिर उनकी हत्या कर दी गई? खैर, इस पर बड़ी बहस जारी है, लेकिन बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा ने फिर से इस सवाल पर बहस शुरू कर दी है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने बढ़ाया तनाव?
दरअसल, बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ़्तार किया गया था। चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था, साथ ही त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश के उप उच्चायोग की इमारत में तोड़फोड़ की गई थी। इस पर बांग्लादेश ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, जिसके बाद भारत ने इस मामले पर खेद जताया था।