India News (इंडिया न्यूज), Hinglaj Mandir News: दिल्ली से 1433 किलोमीटर दूर एक जगह है। यह इस्लाम का गढ़ है। यहां की 95 फीसदी से ज्यादा आबादी मुस्लिम है। इस्लाम के उस बाग में एक मंदिर भी है। अजान की आवाज के बीच घंटी बजती है। भगवा झंडा लहराता है। मंदिर इतना प्रसिद्ध है कि हिंदू ही नहीं, बल्कि मुसलमान भी यहां सिर झुकाते हैं। आपको जानकारी के लिए बता दें कि, यह जगह पाकिस्तान में स्थित है और मंदिर का नाम हिंगलाज मंदिर है। जी हां, हिंगलाज मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में है। यह एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है।
पाकिस्तान में स्थित है यह मंदिर?
जानकारी के अनुसार, हिंगलाज मंदिर बलूचिस्तान प्रांत के लासबेला जिले में है। यह जिला पाकिस्तान के कराची शहर से करीब 250 किलोमीटर दूर है। लासबेला जिले की आबादी मुस्लिम बहुल है। यहां की करीब 97 फीसदी आबादी इस्लाम को मानने वालों की है। यहां की करीब 3 फीसदी आबादी हिंदू है। एक आंकड़े के मुताबिक इस जिले की आबादी करीब 7 लाख है। इसी जिले में हिंगलाज माता मंदिर स्थित है। हिंगलाज मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। इसका उल्लेख शिव पुराण में भी मिलता है।
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मंदिर में पूजा करने से धुल जाते हैं पाप
पाकिस्तान में स्थित हिंगलाज मंदिर को माता के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। बताया जा रहा है कि, हिंगलाज मंदिर बहुत ही दुर्गम स्थान पर है। रास्ते में पहाड़ और सुनसान रेगिस्तान हैं। हिंगलाज माता मंदिर हिंगलाज में हिंगोल नदी के तट पर स्थित एक हिंदू मंदिर है। यहां इस देवी को हिंगलाज देवी या हिंगुला देवी भी कहा जाता है। इस मंदिर को नानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, हिंगलाज माता को उन स्थानों में से एक माना जाता है जहां देवी सती के शरीर के अंग धरती पर गिरे थे। देवी सती को वैवाहिक सुख और लंबी आयु की देवी माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति मंदिर में दर्शन करने जाता है और विधिवत पूजा करता है, उसके सभी पाप धुल जाते हैं। हिंगोल नदी के तट पर स्थित इस प्राचीन मंदिर तक पहुंचने के लिए तीर्थयात्रियों को सैकड़ों सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।
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मुसलमानों का क्या मानना है?
शारदीय नवरात्रि और चैत नवरात्रि के अवसर पर यहां भारी भीड़ होती है। भारत से भी श्रद्धालु वीजा आदि लेकर माता के दर्शन के लिए जाते हैं। हिंदू हिंगलाज मंदिर को माता का स्थान मानते हैं, जबकि मुसलमान इसे ‘बीबी नानी पीर’ या ‘नानी मंदिर’ या ‘नानी का हज’ के नाम से जानते हैं। लेकिन पूरी दुनिया में यह हिंगलाज माता के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है।