India News (इंडिया न्यूज),Syria:सीरिया में जब बशर अल-असद देश छोड़ कर भाग गए थे और एचटीएस ने देश पर कब्जा कर लिया था। तब वहां के लोगों खूब जश्न मनाया था ऐसा लग रहा था कि देश में अब सब कुछ अच्छा होगा। कई लोग जो जंग की वजह से देश छोड़ कर चले गए थे देश वापसी का सपना देखने लगे थे। 8 दिसंबर 2024 को असद ने सीरीया छोड़ कर रूस में शरण लिया। लेकिन उनके जाने के ठिक 3 महिने बाद देश एक बार फिर तबाही के चपेट में आ गया है। बता दें देश में सुरक्षा बलों और पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों के बीच संघर्ष चल रहा है जिसकी वजह से गुरुवार को हुए हिंसक संघर्षों में 1000 से अधिक लोग मारे गए हैं।एसोसिएटेड प्रेस ने इसकी जानकारी दी है।
कैसे शुरू हुआ हिंसा ?
यह हिंसा तब शुरू हुई जब वर्तमान सरकार के पक्ष में गोलियां चलाने वाले बंदूकधारियों ने पूर्व राष्ट्रपति असद के प्रति वफादार अलावित अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बदले की भावना से हत्या की शुरुआत की। अब हिंसा कुछ हद तक रुक गई है और सरकार ने अधिकांश इलाकों पर नियंत्रण पुनः स्थापित कर लिया है। अधिकारियों ने स्थिरता बहाल करने के लिए तटीय क्षेत्र की ओर जाने वाली सभी सड़कें बंद कर दी हैं, जहां हिंसा का केंद्र था।
अलावित समुदाय पर हमले
असद शासन के दौरान अलावितों को सेना और अन्य उच्च पदों पर प्रमुख स्थान मिला था। हालांकि, तीन महीने पहले नए शासन की शुरुआत के साथअलावित समुदाय को बार-बार उनके पूर्व राष्ट्रपति से जुड़े होने के कारण निशाना बनाया गया है।
कई घरों को लूटा
ब्रिटेन स्थित सीरियाई मानवाधिकार वेधशाला ने कहा कि हिंसा के साथ-साथ कई अलावित बहुल क्षेत्रों में बिजली और पीने का पानी भी काट दिया गया है। अलावित गांवों के लोगों ने एपी को बताया कि समुदाय के कई घरों को लूटा गया और फिर आग लगा दी गई।
महिलाओं के साथ किया ये काम
गवाहों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि महिलाओं को कथित तौर पर निर्वस्त्र करके सड़कों पर घुमाया गया और फिर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस भयावह दृश्य ने हिंसा को और भड़का दिया।
बानियास शहर में हंगामा
बानियास शहर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। वहां सड़कों पर शव पड़े हुए थे। इमारतों की छतों पर भी लाशें देखी गईं। बंदूकधारियों ने नागरिकों को शवों को दफनाने से रोक रखा था। एक निवासी ने एपी को बताया, “यह बहुत बुरा था। शव सड़कों पर थे। लोग अपने शहर से भाग रहे थे। बंदूकधारी बिना किसी कारण के गोलियां चला रहे थे। घरों और कारों को भी जलाया जा रहा था।”