India News (इंडिया न्यूज), Russia Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल हो चुके हैं। व्लादिमीर पुतिन और जेलेंस्की की वजह से दुनिया के दो देशों में भारी तबाही मच गई। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात ने सबका ध्यान खींच लिया है। मुलाकात सार्थक होने की बजाय तीखी नोकझोंक में तब्दील हो गया। अब आते है रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से किसको कितना नुकसान हुआ। बाल अधिकारों पर काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ की यूक्रेनी कर्मचारी नतालिया डाटचेंको कहती हैं, “मैं रोने की कोशिश कर रही हूं, लेकिन खुद को रोक नहीं पा रही हूं। मुझे खुशी है कि मेरे पास टिश्यू हैं।” तीन साल पहले हुए विस्फोटों को याद करते हुए वह अपने आंसू नहीं रोक पा रही हैं, जिन्हें सुनकर कई यूक्रेनवासी नींद से जाग गए थे। विस्फोटों ने रूसी हमले की घोषणा कर दी थी।

युद्ध को तीन साल हुए पूरे

रूस-यूक्रेन युद्ध को तीन साल पूरे हो गए हैं। करीब 1000 दिनों के इस युद्ध ने मानवता को गहरे घाव, कभी न भरने वाले घाव और कड़वी यादें दी हैं। अगर आंकड़ों में रूस-यूक्रेन युद्ध को देखें तो यह मानवता, संस्कृति और भविष्य के लिए एक गहरा घाव लगता है। इसकी भरपाई संभव नहीं लगती। सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 24 फरवरी 2022 को युद्ध शुरू होने के बाद रूस ने यूक्रेन की 11 प्रतिशत भूमि पर कब्ज़ा कर लिया है। लेकिन अगर वर्ष 2014 से तुलना की जाए तो रूस ने यूक्रेन के 18 प्रतिशत भूभाग पर कब्ज़ा कर लिया है।

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रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया पर किया कब्जा

2014 में रूस ने यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था। 2014 में ही डोनबास यूक्रेन का एक शहर था जिस पर रूस समर्थित अलगाववादियों का कब्जा था। अगर डोनेट्स्क क्षेत्र की बात करें तो रूस समर्थित अलगाववादियों और रूसी सेना ने इस क्षेत्र के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। इनमें डोनेट्स्क, मारियुपोल, बखमुट, अवदीवका और मरिंका प्रमुख शहर हैं। लुहांस्क क्षेत्र का लगभग पूरा हिस्सा रूस और रूस समर्थित “लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक” (एलपीआर) के नियंत्रण में है। इनमें प्रमुख शहर लुहांस्क, लिसिचांस्क और सेवेरोडोनेत्स्क हैं। इसके अलावा खार्किव, ज़ापोरीज़िया, खेरसॉन ऐसे शहर हैं जिन पर रूस का कब्ज़ा है. हालांकि, ऐसे कुछ इलाकों में हालात लगातार बदलते रहते हैं।

कितने सैनिक मारे गए?

तीन साल तक चले इस युद्ध में किस देश के कितने सैनिक मरे, इस बारे में सही-सही आंकड़े जुटा पाना भूसे की ढेर में सुई खोजने के बराबर है। लेकिन फिर भी हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी कि नौकरी के लिए रूस गए भारतीयों को धोखाधड़ी के जरिए युद्ध लड़ने के लिए भेजा जा रहा है। अल जजीरा के अनुसार, यूक्रेन के कमांडर-इन-चीफ कर्नल जनरल ओलेक्सेंडर सिरस्की का दावा है कि 30 दिसंबर, 2024 तक 2024 में युद्ध में 427,000 रूसी सैनिक मारे गए या घायल हुए।

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कितने यूक्रेनी सैनिकी मारे गए?

अल जजीरा के अनुसार, 8 दिसंबर को यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने एक टेलीग्राम पोस्ट में घोषणा की कि फरवरी 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से युद्ध के मैदान में 46,000 यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं। आखिरी बार उन्होंने फरवरी 2024 में यूक्रेनी सैनिकों की मौत की घोषणा की थी, जब उन्होंने कहा था कि 31,000 यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं। इसका मतलब यह होगा कि 2024 में लगभग 10 महीनों में युद्ध के मैदान में 12,000 यूक्रेनी सैनिक मारे गए।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन (HRMMU) के अनुसार, 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर रूस के पूर्ण पैमाने पर युद्ध के बाद से, इस युद्ध में 12,654 से अधिक पुरुष, महिलाएं, लड़कियां और लड़के मारे गए हैं। जबकि लगभग 30,000 लोग घायल हुए हैं। 84 प्रतिशत मौतें यूक्रेनी सरकार के नियंत्रण वाले क्षेत्र में और 16 प्रतिशत रूस के कब्जे वाले क्षेत्र में हुई हैं।

किसको-कितना आर्थिक नुकसान?

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से होने वाला आर्थिक नुकसान अरबों में है। विश्व बैंक और यूक्रेनी सरकार के अनुमान के अनुसार, 2023 तक यूक्रेन की अर्थव्यवस्था को लगभग 150 बिलियन डॉलर (लगभग 12.5 लाख करोड़ रुपये) का नुकसान होने की उम्मीद है। 2024 के अंत तक यह आंकड़ा और बढ़ गया है, कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह 400-500 बिलियन डॉलर हो सकता है, जिसमें पुनर्निर्माण लागत भी शामिल है। 2022 में यूक्रेन की जीडीपी में 35-40% की गिरावट आई और 2023-2024 में इसमें मामूली सुधार हुआ, लेकिन यह अभी भी युद्ध-पूर्व स्तरों से बहुत नीचे है।

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रूस की अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान?

रूसी बमबारी में नष्ट हुई सड़कों, पुलों, स्कूलों, अस्पतालों और बिजली संयंत्रों के पुनर्निर्माण के लिए अरबों डॉलर की आवश्यकता है। रूस ने भी इस युद्ध से भारी आर्थिक कीमत चुकाई है, हालांकि उसका नुकसान यूक्रेन जितना सीधा नहीं है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के 2023 के अनुमान के अनुसार, रूस ने युद्ध में सेना, हथियार और रसद पर 211 बिलियन डॉलर (करीब 18 लाख करोड़ रुपए) खर्च किए। 2025 तक यह राशि 300 बिलियन डॉलर से अधिक हो सकती है। पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों के कारण रूस की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा। 2022 में इसकी जीडीपी में 2-3% की गिरावट आई। यदि सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नुकसानों को जोड़ा जाए तो रूस-यूक्रेन युद्ध से अब तक 1-1.5 ट्रिलियन डॉलर (करीब 80-125 लाख करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ है। इसमें यूक्रेन का बुनियादी ढांचा, रूस की युद्ध लागत और वैश्विक प्रभाव शामिल हैं।

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