India News (इंडिया न्यूज), Hypersonic Missile: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने रविवार (17 नवंबर) को भारत की पहली हाइपरसोनिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह भारत की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में एक बड़ा कदम है। साथ ही भारत अमेरिका, चीन और रूस समेत उन देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास हाइपरसोनिक मिसाइलें हैं। भारत की इस उपलब्धि ने पाकिस्तान में हलचल मचा दी है। दरअसल, उसके पास ऐसी कोई मिसाइल होने की आधिकारिक जानकारी नहीं है और भविष्य में इसके बनने की संभावना भी नहीं है, क्योंकि अमेरिका ने उस पर प्रतिबंध लगा रखे हैं।
इस बीच पाक विशेषज्ञ कमर चीमा ने कहा कि पाकिस्तान लंबी दूरी की मिसाइलें नहीं बना सकता, क्योंकि उस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। वहीं, अगर भारत लंबी दूरी की मिसाइलें बना रहा है, तो कोई दिक्कत नहीं है। अमेरिका ने पाकिस्तान और उसके रक्षा कार्यक्रम में शामिल चीनी और बेलारूसी कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाए हैं।
क्यों लगाए हैं अमेरिका ने पाकिस्तान पर प्रतिबंध?
पाक विशेषज्ञ कमर चीमा ने कहा कि अगर कोई ऑस्ट्रेलियाई समूह, मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था, परमाणु आश्चर्य समूह का हिस्सा बनना चाहता है, तो उसे राजनीतिक रूप से सही होना ज़रूरी है। यानी अमेरिका जैसी बड़ी शक्तियों के साथ उसका तालमेल होना चाहिए। इसकी वजह से भारत लंबी दूरी की मिसाइलें बना सकता है। उन्होंने आगे कहा कि अगर पाकिस्तान कहता है कि वह बनाना चाहता है, तो वह नहीं बना सकता। दरअसल, अमेरिका को पाकिस्तान से खतरा है कि अरब दुनिया कभी भी पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम का इस्तेमाल कर सकती है। साथ ही यह पश्चिम के अंदर का खतरा है। कमर चीमा ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के पास मिसाइलें हैं।
हाइपरसोनिक मिसाइल की क्या खासियत है?
- हाइपरसोनिक मिसाइल की गति ध्वनि की गति (मैक-5) से पांच गुना ज्यादा होती है।
- यह जमीन पर एक मील प्रति सेकंड की दर से चलती है।
- हाइपरसोनिक मिसाइल अपने प्रक्षेप पथ का अनुसरण करते हुए स्वचालित रूप से हमला करती है।
- हाइपरसोनिक सिस्टम कई तरह के होते हैं। एक हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल और दूसरा हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल।
- हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल रॉकेट से लॉन्च किए जाते हैं और हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल हवा में सांस लेने वाले हाई-स्पीड इंजन से चलती हैं।
- हाइपरसोनिक हथियार प्रतिक्रियाशील होते हैं, इनमें लंबी दूरी तक हमला करने के विकल्प होते हैं।
- हाइपरसोनिक मिसाइलें बैलिस्टिक मिसाइलों की तुलना में कम ऊंचाई पर उड़ती हैं और कभी-कभी उनका पता लगाना कठिन होता है।
भारत-पाकिस्तान के पास हैं कई मिसाइलें
कमर चीमा के अनुसार भारत के रक्षा कार्यक्रम में बहुत सारे हथियार हैं। उनके पास क्रूज मिसाइलें, बैलिस्टिक मिसाइलें, सामरिक मिसाइलें, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें, एंटी शिप मिसाइलें, एंटी सैटेलाइट मिसाइलें हैं। उन्होंने हाइपरसोनिक तकनीक विकसित की है और पाकिस्तान के पास ऐसा कुछ भी नहीं है। पाकिस्तान के पास हाइपरसोनिक तकनीक या हाइपरसोनिक मिसाइलें होने की कोई जानकारी नहीं है। कमर चीमा ने आगे कहा कि पाकिस्तान के पास सबसे लंबी दूरी की मिसाइल है। जिसकी रेंज 2,750 किलोमीटर या 1700 मील है। यह पारंपरिक परमाणु हथियार लेकर 2,750 किलोमीटर तक जा सकती है। अगर भारत को देखें तो उसके पास इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है, जिसकी रेंज 5000 किलोमीटर है। पाकिस्तान के पास अभी ऐसा कोई हथियार नहीं है। भारत मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) का सदस्य बन चुका है।