India News (इंडिया न्यूज), Asking Questions is Crime: क्या सरकार से यह पूछना अपराध है कि आपने आपदा पीड़ितों की मदद के लिए क्या किया है? मुस्लिम देश मोरक्को में एक कार्यकर्ता को इस सवाल की भारी कीमत चुकानी पड़ी। भूकंप पीड़ितों की आवाज उठाने वाले सईद ऐत महदी को पहले तीन महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन अब अपील कोर्ट ने इसे बढ़ाकर एक साल कर दिया है। दरअसल, पूरा मामला ये है कि, 2023 में मोरक्को में भूकंप मोरक्को में सितंबर 2023 में 6.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था, जिसमें करीब 3,000 लोगों की जान चली गई थी और 5,600 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

देश का ये क्षेत्र हुआ था प्रभावित

हाई एटलस पहाड़ियों में स्थित एल हौज प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था, जहां हजारों घर ढह गए थे। इस तबाही के बाद हजारों परिवारों को महीनों तक टेंट में रहना पड़ा था। ऐसे में भूकंप पीड़ितों की आवाज उठाने के लिए कार्यकर्ता सईद ऐत महदी ने एक समूह बनाया, जो राहत और पुनर्निर्माण कार्य में तेजी लाने की मांग कर रहा था। लेकिन सरकार की नीतियों की आलोचना करना उन्हें भारी पड़ गया। दिसंबर 2023 में उन्हें गिरफ़्तार किया गया और जनवरी में माराकेच की एक अदालत ने उन्हें “मानहानि, अपमान और झूठी सूचना फैलाने” के लिए तीन महीने की जेल की सजा सुनाई।

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3 और लोगों को मिली सजा

अब माराकेच अपील कोर्ट ने उनकी सजा बढ़ाकर एक साल कर दी है। उनके वकील मोहम्मद अल गालुसी ने इस फैसले को “बेहद कठोर और चौंकाने वाला” बताया है। सिर्फ ऐत महदी ही नहीं, बल्कि मामले में तीन अन्य आरोपियों को भी चार महीने की जेल की सज़ा सुनाई गई है। सरकार का दावा है कि वह भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए तेजी से काम कर रही है। अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 57,000 पुनर्निर्माण परमिट जारी किए जा चुके हैं और 35,000 से ज्यादा घर बनाए या फिर से बनाए जा चुके हैं। इसके अलावा सरकार ने छह प्रभावित प्रांतों के पुनर्निर्माण और विकास के लिए 11 अरब डॉलर की पांच साल की योजना तैयार की है।

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