India News (इंडिया न्यूज), IMF Loan to Pakistan: भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को कर्ज दिया था। 9 मई को IMF ने पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त कर्ज मंजूर किया था। अब इस बेलआउट पैकेज का बचाव करते हुए IMF ने कहा कि उसका बोर्ड इस बात से संतुष्ट है कि पाकिस्तान ने कर्ज पाने के लिए सभी नियमों का पालन किया है। IMF का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान के लिए राहत पैकेज का विरोध किया है। भारत ने IMF से अपील की थी कि वह पाकिस्तान को कर्ज न दे, क्योंकि पाकिस्तान इस पैसे का इस्तेमाल आतंकवाद को बढ़ावा देने में कर सकता है।
कुछ दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि पाकिस्तान IMF से मिले कर्ज में से मसूद अजहर को 14 करोड़ देगा। पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर (करीब 8,500 करोड़ रुपये) का नया कर्ज सितंबर 2024 में मंजूर किए गए विस्तारित फंड सुविधा (EFF) के तहत सहायता पैकेज का हिस्सा है, जिसकी कुल राशि 7 बिलियन डॉलर है। अब तक पाकिस्तान को इसके तहत 2.1 बिलियन डॉलर मिल चुके हैं।
‘पाकिस्तान ने लोन पाने के सभी लक्ष्य पूरे किए’
प्रेस ब्रीफिंग के दौरान IMF ने कहा कि नए लोन को मंजूरी देने से पहले नियमित समीक्षा की जाती है ताकि पता लगाया जा सके कि देश सहमत योजना का पालन कर रहे हैं या नहीं। बिजनेस टुडे टीवी को जवाब देते हुए IMF ने कहा कि पाकिस्तान के मामले में हमारा बोर्ड इस बात से संतुष्ट है कि पाकिस्तान ने वाकई सभी लक्ष्य हासिल कर लिए हैं।
IMF ने आगे कहा कि यह समीक्षा मूल रूप से 2025 की शुरुआत में किए जाने की योजना थी, लेकिन इसे समय से पहले पूरा कर लिया गया क्योंकि पाकिस्तान ने सभी बेंचमार्क को तेजी से पूरा कर लिया।
सरकारी खर्च के लिए पैसा नहीं जाता
IMF संचार विभाग की निदेशक जूली कोज़ाक ने बताया कि इस पैसे का इस्तेमाल कैसे किया जाता है। बिजनेस टुडे टीवी से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं आपको इसे समझने में मदद करने के लिए तीन महत्वपूर्ण बिंदु बताना चाहती हूं। आईएमएफ फंडिंग का उद्देश्य केवल भुगतान संतुलन के मुद्दों को हल करना है।
पाकिस्तान को मिलने वाले सभी बेलआउट पैकेज सीधे केंद्रीय बैंक के भंडार में जाते हैं। इन फंडों का इस्तेमाल सरकारी बजट के लिए नहीं किया जाता। हालांकि, केंद्रीय बैंक से सरकार को दिए जाने वाले कर्ज की कोई सीमा नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि अगर शर्तों को पूरा करने में कोई चूक होती है, तो आगे कर्ज नहीं दिया जा सकता।
पाकिस्तान को पूरी करनी होंगी 50 शर्तें
आईएमएफ ने पाकिस्तान को अगली किस्त पाने के लिए अब तक 11 और शर्तें जोड़ी हैं। इस बेलआउट कार्यक्रम के तहत शर्तों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है। आईएमएफ ने आगे चेतावनी दी कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव से कार्यक्रम के वित्तीय उद्देश्यों के लिए जोखिम बढ़ सकता है। एक अलग नोट पर, आईएमएफ ने भारत-पाकिस्तान तनाव में हाल ही में हुई मौतों पर दुख व्यक्त किया और शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया। संस्था ने आगे स्पष्ट किया कि आईएमएफ में भारत के कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन का हाल ही में इस्तीफा भारत का निर्णय था, आईएमएफ का नहीं।