India News (इंडिया न्यूज), World Safest Countries : इस समय दुनिया में कुछ जगहों पर युद्ध चल रहा है तो कुछ जगहों पर युद्ध के आसार हैं। इसी बीच 2025 की ग्लोबल सेफ्टी इंडेक्स लिस्ट सामने आई है। इस लिस्ट में दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों की रैंकिंग की गई है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस लिस्ट में भारत पाकिस्तान से पीछे है। वहीं, अमेरिका, ब्रिटेन और चीन जैसे बड़े देशों को अपेक्षाकृत कम रैंकिंग मिली है। न्यूमबियो द्वारा जारी 2025 के ग्लोबल सेफ्टी इंडेक्स में पाकिस्तान को जहां 65वां स्थान मिला है, वहीं भारत को 66वें स्थान पर रखा गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान, जहां हर दिन आतंकी हमले होते रहते हैं, सुरक्षा के मामले में भारत से आगे है।
इसके अलावा सुपर पावर अमेरिका इस लिस्ट में 89वें स्थान पर है, जो दोनों दक्षिण एशियाई देशों से भी नीचे है। ये हैं दुनिया के सबसे सुरक्षित देश 2025 की ग्लोबल सेफ्टी इंडेक्स लिस्ट में पहला स्थान एंडोरा को मिला है, जिसे 84.7 अंक मिले हैं। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (84.5), कतर (84.2), ताइवान (82.9) और ओमान (81.7) दूसरे स्थान पर हैं। इन देशों ने अपनी मजबूत सुरक्षा व्यवस्था, कम अपराध दर और बेहतर जीवन स्तर के कारण इस रैंकिंग में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है।
किस आधार पर देशों की रैंकिंग की जाती है?
न्यूमबेओ द्वारा जारी की गई यह रैंकिंग विभिन्न देशों के नागरिकों द्वारा किए गए सुरक्षा सर्वेक्षण पर आधारित है। इसमें देखा गया कि लोग दिन और रात के समय अपनी सुरक्षा से कितने संतुष्ट हैं। इसके अलावा चोरी, शारीरिक हमला, उत्पीड़न, भेदभाव और अन्य हिंसक अपराधों की दर को भी इसमें शामिल किया गया है। यह सूची हमें बताती है कि दुनिया भर में सुरक्षा की भावना हमेशा सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों और सूचनाओं की तुलना में व्यक्तिगत अनुभवों और संवेदनाओं पर अधिक आधारित होती है।
भारत से आगे है पाकिस्तान
सबसे सुरक्षित देशों की रैंकिंग में पाकिस्तान भारत से सिर्फ एक स्थान ऊपर है। लेकिन भारत के लिए यह चिंता का विषय है। इस सूची को ध्यान में रखते हुए भारत को अपनी सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में काम करना होगा। इसके चलते आने वाले समय में भारत ऐसी सूची में पाकिस्तान से काफी आगे निकल सकता है।
इसके अलावा ग्लोबल सेफ्टी इंडेक्स की इस नई रैंकिंग से जो बड़ी बात सामने आई है, वह यह है कि पाकिस्तान का भारत से आगे निकल जाना, अमेरिका का नीचे आना और छोटे देशों का शीर्ष पर होना इस बात का संकेत है कि हमें अपनी सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में और काम करने की जरूरत है।