India News (इंडिया न्यूज), India Central Asia Dialogue 2025: कुछ दिन पहले तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ सिंधु जल संधि पर भारत के खिलाफ दुनियाभर में शिकायती दौरे कर रहे थे। लेकिन अब वही देश, जिसके कई पड़ोसी भारत के साथ ताल-मेल रखते हैं, खुद व्यापार और कूटनीतिक संबंधों पर बात करने के लिए दिल्ली के दरवाजे पर आ गया है। दरअसल, दिल्ली में भारत और मध्य एशिया के पांच देशों के बीच एक अहम बैठक होने जा रही है, जहां क्षेत्रीय सुरक्षा से लेकर व्यापार तक पर बातचीत होगी।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर 6 जून को भारत-मध्य एशिया वार्ता की चौथी बैठक की मेजबानी करेंगे। इस बैठक के लिए कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री दिल्ली पहुंच चुके हैं। इससे पहले, दिसंबर 2021 में तीसरी बैठक भी भारत ने दिल्ली में ही आयोजित की थी।

व्यापार परिषद की बैठक

भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच व्यापार संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से 5 जून को व्यापार परिषद की बैठक भी आयोजित की गई है। इसका आयोजन विदेश मंत्रालय ने फिक्की के सहयोग से किया था। इसमें दोनों पक्षों ने व्यापारिक साझेदारी, निवेश के अवसर और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जैसे मुद्दों पर चर्चा की।

सुरक्षा और विकास पर चर्चा

6 जून को होने वाली वार्ता बैठक में न केवल व्यापार और संपर्क बढ़ाने पर बातचीत होगी, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद और वैश्विक चुनौतियों पर भी देशों के बीच विचार साझा किए जाएंगे। हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह वार्ता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। भारत और मध्य एशियाई देश प्राचीन काल से ही एक-दूसरे के सांस्कृतिक और व्यापारिक साझेदार रहे हैं। यह वार्ता मंच इस रिश्ते को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है, जहां दोनों पक्ष मित्रता, विश्वास और सहयोग की भावना के साथ आगे बढ़ते हैं।

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पड़ोसियों को भी संदेश

दिल्ली में हो रही इस बैठक से यह स्पष्ट है कि भारत न केवल अपने पड़ोस में, बल्कि ‘विस्तारित पड़ोस’ में भी अपनी पकड़ और प्रभाव को लगातार मजबूत कर रहा है। वहीं, पाकिस्तान जैसे देश, जो भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश करते हैं, उन्हें अब यह देखना होगा कि दुनिया भारत के साथ खड़ी है।

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