India News (इंडिया न्यूज), India China Relations: अमेरिका में 20 जनवरी 2025 को डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठेंगे। इससे पहले उन्होंने अपनी टीम बनाकर साझेदारी की थी। उन्होंने कहा कि भारत के कई लोगों के लिए कई अहम संदेश हैं। वहीं दूसरी तरफ भारत और चीन के बीच अक्टूबर से रिश्तों को सुधारने की कोशिश चल रही है। दोनों देशों ने एलएसी के विवाद वाले हिस्सों से अपनी-अपनी सेना को वापस बुला लिया। जिसके बाद रूस में ब्रिक्स सम्मेलन के मुद्दे पर पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच प्रतिनिधि मंडल स्तर की बातचीत हुई। अब ब्राजील में जी20 देशों की बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। चीन के अधिकारी लगातार भारत के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या अमेरिक है रिश्ता सुधारने की वजह
बता दें कि, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चीन के खिलाफ बेहद कड़ा रुख अपनाने वाला नेता माना जाता है। वहीं उन्होंने सत्ता संभालने से पहले ही इसकी झलक दे दी है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रपति बनते ही वह चीन से होने वाले सभी आयात पर टैरिफ में भारी बढ़ोतरी करेंगे। दरअसल, ट्रंप का कहना है कि वह अमेरिका फर्स्ट की नीति पर चलते हुए अमेरिका को चीनी माल के लिए डंपिंग स्थान नहीं बनने देंगे। इस मामले को लेकर सीएनएन न्यूज के जाने माने होस्ट और पॉलिटिकल एनालसिस्ट फरीद जकारिया का कहना है कि ट्रंप की यह नीति भारत के लिए शानदार मौका है।इससे भारतीय प्रोडक्ट के लिए बाजार मिलेगा।
भारत को होगा फायदा
इंडियन एक्सप्रेस के एक कार्यक्रम में फरीद जकारिया ने कहा कि ऐसे में भारत के लिए यह सबसे उचित समय है कि वह अमेरिका के साथ फ्री ट्रेड समझौते को लेकर बात करे। उन्होंने आगे कहा कि भारत के लिए यह सुनहरा मौका है। ट्रंप ने भारत सहित दुनिया से होने वाले आयात पर 10 से 20 फीसदी जबकि चीनी सामानों पर 60 से 100 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही है। दरअसल, अमेरिका से मिलने वाले झटके की वजह से चीन अब भारत से दोस्ती की कोशिश कर रहा है। इस समय भारत को चीनी निर्यात 100 बिलियन डॉलर को पार कर चुका है। भारत चीन के लिए दुनिया का एक बड़ा बाजार है। जिसकी अनदेखी करना ड्रैगन को भारी पड़ सकता है।