India News (इंडिया न्यूज), India Gives Financial Support to Maldives: पिछले दिनों आतंकवाद के खिलाफ जंग छेड़कर भारत ने किस तरह पाकिस्तान को घुटनों पर ला दिया, यह तो सभी ने देखा ही है। भारत का कड़ा रुख सभी ने देखा है, जिसमें उसने पाकिस्तान को साफ कर दिया है कि अगर वह उसके नागरिकों को आतंकी गतिविधियों से परेशान करेगा, तो उसे उसी की भाषा में जवाब दिया जाएगा। भारत की नीति दोस्तों से दोस्ती और दुश्मनों से दुश्मनी की है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि इस दौरान भारत ने अपने एक पड़ोसी पर जमकर पैसे बरसाए हैं।
भारत ने मालदीव को दी आर्थिक मदद
पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ भारत की कार्रवाई सभी ने देखी है। शायद ही किसी को पता होगा कि इस दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय अपने पड़ोसी मुस्लिम देश को क्या तोहफा दे रहा था। भिखारी बन चुका पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से 1 बिलियन डॉलर का लोन पाकर जश्न मना रहा है, जबकि भारत अपने पड़ोसी मुस्लिम देश को आर्थिक मदद दे रहा है। दोनों देशों की नीतियों में यही फर्क है।
मालदीव को आर्थिक संकट से उबरने में मिलेगी मदद
भारत ने अपनी पड़ोसी प्रथम विदेश नीति को दर्शाते हुए पड़ोसी देश मालदीव को आर्थिक मदद दी है। भारत ने मालदीव को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 420 करोड़ रुपये के ट्रेजरी बिल रोलओवर किए हैं। इससे मालदीव को आर्थिक संकट से उबरने में मदद मिलेगी। मालदीव के अनुरोध पर भारतीय स्टेट बैंक ने मालदीव के वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल को एक साल के लिए रोलओवर कर दिया है। विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने अपने एक्स अकाउंट से यह जानकारी साझा की है और भारत का आभार जताया है।
भारत ने दिया ये बयान
मालदीव के उच्चायोग ने भी भारत की ओर से आधिकारिक बयान दिया है। इसमें कहा गया है कि ‘मालदीव सरकार के अनुरोध पर भारतीय स्टेट बैंक ने वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सरकारी ट्रेजरी बिल को एक साल के लिए बिना ब्याज के सब्सक्राइब कर लिया है।’ आगे कहा गया है कि मालदीव भारत का एक प्रमुख पड़ोसी है। पड़ोसी पहले की नीति और समुद्री दृष्टिकोण से भी यह हमारा मुख्य साझेदार है। इससे पहले भारत ने मालदीव को ज़रूरी दवाइयाँ मुहैया कराने का वादा भी किया था। ऐसे समय में जब दक्षिण एशिया में पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते तनावपूर्ण हैं, मालदीव के साथ नजदीकी को अहम माना जा रहा है।
क्या है ट्रेजरी बिल और रोलओवर?
इसे आसान भाषा में ऐसे समझा जा सकता है कि जब कोई व्यक्ति लोन लेता है और उसे चुका नहीं पाता है, तो उसका कर्ज बिना ब्याज के बढ़ा दिया जाता है। जब मालदीव सरकार को पैसों की जरूरत थी, तो भारत ने उसे 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 420 करोड़ रुपये का ट्रेजरी बिल दिया। यह ऐसा लोन होता है, जो सरकारें जारी करती हैं और इसे लेने वाले को चुकाना होता है। जब इसे चुकाने का समय आया, तो मालदीव के पास पैसे नहीं थे, इसलिए सरकार ने इस लोन को एक साल के लिए बढ़ा दिया, यह ट्रेजरी बिल का रोलओवर है।