India News (इंडिया न्यूज़), UN General Assembly 2024 Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में लगातार भारत का डंका पूरे विश्व में बज रहा है। विदेश निति के मामले में पीएम मोदी का कोई तोड़ नहीं है। इस चीज का श्रेय भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भी जाता है। दरअसल अभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की जनरल असेंबली चल रही है। इसमें संबोधन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत की तारीफ करते हुए दिखे तो वहीं अगले ही दिन इसी मंच से च‍िली के राष्‍ट्रपत‍ि ने भारत को यूएन का स्‍थायी सदस्‍य बनाने की मांग कर दी। इसके कुछ घंटों के बाद फ्रांस के राष्‍ट्रपत‍ि इमैनुएल मैक्रों ने भी यूएन सिक्‍योरिटी काउंस‍िल में भारत को स्‍थायी सदस्‍य बनाने की मांग की है और इसका पुरजोर समर्थन भी किया है। 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के चुनावों की तारीफ की थी

अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि ने भारत के चुनावों की तारीफ करते हुए कहा था कि, हमने घाना से लेकर भारत और दक्षिण कोरिया तक दुनिया भर के लोगों को शांतिपूर्वक अपना भविष्य चुनते देखा है। दुन‍िया की एक-चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले देश इस साल चुनाव करा रहे हैं। जबक‍ि इसी मंच से उन्‍होंने चीन को चेतावनी दी थी। इसके बाद जब च‍िली की बारी आई, तो चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक ने UN सिक्‍योरिटी काउंस‍िल में भारत की सदस्यता का पुरजोर समर्थन किया। 

‘अमेरिका में बच्चों की मौत का…’, राष्ट्रपति चुनाव से पहले Joe Biden ने चला ये बड़ा दांव

फ्रांस के राष्ट्रपति ने क्या कहा?

जब फ्रांस के राष्‍ट्रपत‍ि इमैनुएल मैक्रों की बोलने की बारी आई तो उन्‍होंने संयुक्‍त राष्‍ट्र सिक्‍योरिटी काउंस‍िल में तत्‍काल बदलाव की मांग की। यूएन महासभा में अपनी बात रखते हुए मैक्रों ने कहा कि, हमें संयुक्त राष्ट्र को और अधिक कुशल बनाना चाहिए। हमें इसे और अधिक जवाहदेह बनाने की आवश्यकता है और इसीलिए फ्रांस सुरक्षा परिषद के विस्तार के पक्ष में है। जर्मनी, जापान, भारत और ब्राजील को इसका स्थायी सदस्य होना चाहिए। साथ ही दो ऐसे देश भी होने चाहिए जो अफ्रीका का प्रतिनिधित्व कर सकें। 

कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने लिया बड़ा फैसला, अब बिना परमिशन राज्य में जांच नहीं कर पाएगी ये केंद्रीय एजेंसी

स्थाई सीट को लेकर भारत लंबे समय से कर रहा है कोशिश

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता भारत को मिलने का पुरजोर विरोध चीन करता आया है। इस मामले में पाकिस्तान, तुर्की, कनाडा जैसे कुछ देश भी नहीं चाहते हैं कि भारत को यूएन की स्थाई सदस्यता मिलें। तो वहीं अमेर‍िका-फ्रांस समेत कई देशों ने भारत को इस ग्रुप का स्थाई सदस्य बनाने की वकालत की है। लेकिन चीन इस चीज का लगातार विरोध करता आया है।

फिल्म से लेकर राजनीति में बुरी तरह फ्लॉप रहीं ये ऐक्ट्रेस, मुस्लिम होकर भी सिख लड़के से की शादी, अब इस बीमारी से है ग्रसित