India News (इंडिया न्यूज), India Maldives Tension: मालदीव के मंत्रियों द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दी गई टिप्पणी का मामला बढ़ता जा रहा है। हालांकि वहां की सरकार ने पूरे मामले से पलड़ा झाड़ते हुए दोषी मंत्रियों को निलंबित भी कर दिया। जिसके बाद मोहम्मद मुइज्जू चीन दौरे पर चले गए। वहां उन्होंनें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने भारत और चीन के बीच तनाव का फायदा उठाने की कोशिश भी किया है।
- संपादकीय में राजनयिक विवाद का जिक्र
- मालदीव के राष्ट्रपति ने शी जिनपिंग से मुलाकात की
खुले दिमाग से सोचने की जरूरत
चीन की ओर से लिखे गए मुखपत्र में कहा कि वह मालदीव और भारत के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों का भी सम्मान करता है। नई दिल्ली को खुले दिमाग से सोचने की जरूरत है। चीन के सरकार मीडिया ने एक संपादकीय में मालदीव के साथ नई दिल्ली के राजनयिक विवाद का जिक्र किया है। यह तब हुआ जब मालदीव के राष्ट्रपति ने शी जिनपिंग से मुलाकात की है। हालांकि मालदीव सरकार ने मंत्रियों द्वारा दिए गए टिप्पणी से खुद को अलग किया था। इतना ही नहीं टिप्पणी करने वाले मत्रियों को निलंबित भ किया था।
ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में क्या कहा
वहीं चीन इस मुद्दे का फायदा उठाते हुए नजर आ रहा है। चीन के ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में कहा गया कि चीन ने हमेशा मालदीव की संप्रभुता का सम्मान किया है। उसमें कहा गया कि “वह मालदीव और भारत के बीच मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक संबंधों का भी सम्मान करता है। माले के साथ नई दिल्ली के अच्छे संबंध बनाए रखने के महत्व से पूरी तरह वाकिफ है।” साथ ही उसमें लिखा गया कि “चीन, भारत और मालदीव के साथ त्रिपक्षीय सहयोग करने की भी इच्छा रखता है। नई दिल्ली को अधिक खुले दिमाग से सोचने की जरुरत है। वह (भारत) चाहता है कि मालदीव उसके हिसाब से चले और चीन से दूर होता जाए। जबकि, उन्हें यह भी सोचना चाहिए कि दक्षिण एशियाई देशों में चीन को नजरअंदाज करना संभव नहीं है।
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