India News (इंडिया न्यूज), India Pakistan Tension News: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को ताक पर रख दिया, जिससे पाकिस्तान में खलबली मच गई है। पाकिस्तान को इस साल खरीफ (गर्मी की फसल) सीजन में गंभीर जल संकट का डर सता रहा है। पानी की इस कमी ने पाकिस्तान की शाहबाज सरकार और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की नींद उड़ा दी है। हालात ऐसे बन रहे हैं कि अब पाकिस्तान को भारत से रहम की भीख मांगनी पड़ सकती है।

पाकिस्तान में हुई पानी की भारी कमी

पाकिस्तान के सिंधु नदी प्रणाली प्राधिकरण (आईआरएसए) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि इस समय देश में कुल 21 फीसदी पानी की कमी दर्ज की गई है। यहां के दो प्रमुख जलाशयों मंगला और तुरबेला बांध में आधा पानी ही बचा है। मंगला बांध झेलम नदी पर बना है। इसकी कुल क्षमता 5.9 मिलियन एकड़ फीट (एमएएफ) है, लेकिन इसमें सिर्फ 2.7 एमएएफ पानी ही बचा है। वहीं सिंधु नदी पर बने तुरबेला बांध में सिर्फ 6 एमएएफ पानी बचा है, जबकि इसकी क्षमता 11.6 एमएएफ है।

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भारत ने क्यों रोका पानी?

पिछले महीने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया है। साथ ही भारत ने पाकिस्तान के साथ जल प्रवाह से जुड़ा कोई भी डेटा साझा करना बंद कर दिया है, जिससे आने वाले मानसून में पाकिस्तानी प्रशासन और सेना के लिए बाढ़ से निपटना भी मुश्किल हो सकता है। पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में पूरी सिंचाई व्यवस्था सिंधु नदी प्रणाली पर आधारित है, जिसमें झेलम, चिनाब और सिंधु नदियों से पानी आता है। भारत की ओर से चिनाब में पानी की आपूर्ति में अचानक कमी आने से पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था को गहरा झटका लगा है। इसका सीधा असर मई से सितंबर तक चलने वाले खरीफ सीजन की बुवाई पर पड़ा है।

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